द फॉलोअप डेस्क
महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में 13 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें दो महिला नक्सली भी शामिल थीं, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान अपनी AK-47 राइफलें सौंपीं। गढ़चिरोली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अब यहां "विकास का मानवीय चेहरा" दिखेगा। उन्होंने कहा, “हम गढ़चिरोली में चार स्तरों पर काम कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना, विकास को गति देना, उद्योगों और रोजगार के अवसर लाना और स्थानीय आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार सुनिश्चित करना”।
यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है जब नागपुर में RSS के मंच पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने जल-जंगल-जमीन के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत कानून (PESA) को राज्य सरकारें नजरअंदाज कर रही हैं और इस पर केंद्र भी चुप है। दौरे के दौरान सीएम फडणवीस ने जिले के सीमावर्ती क्षेत्र कवांडे में स्थानीय आदिवासियों से पारंपरिक टोपी पहनकर मुलाकात करने पहुंचे।
उन्होंने जिला पुलिस मुख्यालय में नक्सल विरोधी अभियान की C-60 कमांडो टीम और CRPF की कोबरा बटालियन के जांबाजों को भी सम्मानित किया। इसी कार्यक्रम में 12 और नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण कर लौटने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने आंकड़े साझा करते हुए बताया, “साल 2024-28 के बीच अब तक 28 नक्सली मारे गए हैं, 31 गिरफ्तार हुए हैं और 44 ने आत्मसमर्पण किया है”। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मार्च 2026 तक महाराष्ट्र को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले 12 नक्सली जोड़ों को एक सामूहिक विवाह समारोह में आशीर्वाद भी दिया और कहा, “जो कभी बंदूक उठाए घूमते थे, अब एक नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं”।