द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी के मुकेश कुमार दलाल गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं। उनको चुनौती दे रहे कांग्रेस के निलेश कुम्भानी का नामांकन पर्चा चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था। इसके बाद मुकेश दलाल के विरोध में खड़े अन्य 8 प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया था। इस स्थिति में मुकेश दलाल को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया है। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब कोई सांसद निर्विरोध यानी बिना चुनाव लड़े संसद पहुंचा है। इससे पहले 24 और सांसद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इनमें अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, फारुक अबदुल्लाह औऱ पीएम सईद जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं। आइये देखते हैं पूरी सूची-
निर्विरोध चुने गये सांसद
आनंद चंद (निर्दलीय): 1951 - बिलासपुर.
टीए रामलिंगम चेट्टियार (कांग्रेस): 1951 - कोयंबटूर.
टी सांगना (कांग्रेस): 1951 - रायगढ़ा-फुलबनी.
कृष्णा चार्य जोशी (कांग्रेस): 1951 - यादगीर.
मेजर जनरल एचएस हिम्मासिंहजी (कांग्रेस): 1951 - हलार.
डी सत्यनारायण राजू (कांग्रेस): 1957 - राजमुंदरी.
संगम लक्ष्मी बाई (कांग्रेस): 1957 - विकाराबाद.
बिजॉय चंद्र भगवती (कांग्रेस): 1957 - दरांग.
मंगरुबाबू उइके (कांग्रेस): 1957 - मंडला.
एचजे सिद्दनानजप्पा (कांग्रेस): 1957 - हसन.
मानवेंद्र शाह (कांग्रेस): 1962 - टिहरी गढ़वाल.
टीटी कृष्णामाचारी (कांग्रेस): 1962 - तिरुचेंदूर.
हरेकृष्ण महताब (कांग्रेस): 1962 - अंगुल.
कनुरी लक्ष्मण राव (कांग्रेस): 1967 - विजयवाड़ा.
आर ब्रह्मा (कांग्रेस): 1967 - कोकराझार.
मोहम्मद शफ़ी क़ुरैशी (कांग्रेस): 1967 - अनंतनाग.
कुशोक बकुला रिनपोछे (कांग्रेस): 1967 - लद्दाख.
सेनयांगबा चुबातोशी जमीर या एससी जमीर (एनएनओ): 1967 - नागालैंड.
पीएम सईद (कांग्रेस): 1971 - लक्षद्वीप.
रिनचिन खांडू खिमरे (कांग्रेस): 1977 - अरुणाचल पश्चिम.
छत्र बहादुर छेत्री (कांग्रेस): 1977 - सिक्किम.
फारूक अब्दुल्ला (जेकेएनसी): 1980 - श्रीनगर.
मोहम्मद शफी भट (जेकेएनसी): 1989 - श्रीनगर.
मुकेशकुमार चंद्रकांत दलाल (भाजपा): 2024 - सूरत.
क्या हुआ सूरत लोकसभा सीट में
बता दें कि सूरत में कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुम्भानी के नामांकन पत्र में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर बीजेपी ने सवाल उठाये थे। चुनाव आयोग से शिकायत की गयी थी कि प्रस्तावकों के हस्ताक्षक नकली हैं। इसके बाद निलेश के तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव आयोग के समक्ष ये हलफनामा दिया कि हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। लेकिन इसके बाद तीनों प्रस्तावक गायब हो गये खबर लिखे जाने के उनका पता नहीं चल पाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तीनों प्रस्तावकों को अपहण बीजेपी के लोगों ने कर लिया है। इधर, चुनाव आयोग ने निलेश का नामांकन रद्द कर दिया।
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