रांची
झारखंड सरकार ने रजिस्ट्री कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अब सख्त रुख अपनाया है। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत कार्यरत चार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इन अफसरों पर निबंधन के दौरान दस्तावेजों की अनदेखी, नियमों की अवहेलना और संवेदनशील भूमि मामलों में प्रक्रियागत चूक के गंभीर आरोप हैं।
इनमें प्रोजेक्ट भवन, रांची स्थित सहायक निबंधक महानिरीक्षक-1 मुख्यालय संतोष कुमार का नाम प्रमुख है। धनबाद में अवर निबंधक पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान कई अनियमितताओं की शिकायत सामने आई थी। 12 जुलाई 2023 को उपायुक्त धनबाद द्वारा प्रपत्र 'क' गठित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। जांच में यह पाया गया कि संतोष कुमार ने दस्तावेजों का विधिवत सत्यापन नहीं किया और नियमानुसार प्रक्रियाएं पूरी नहीं कीं।
सरकार ने इस मामले की जांच भू-राजस्व विभाग के स्तर पर कराई जिसमें प्रथम दृष्टया आरोप सत्य पाए गए। इसके बाद रिटायर्ड IAS इकबाल आलम अंसारी को विभागीय जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो सभी संबंधित मामलों की जांच करेंगे।
डिप्टी रजिस्ट्रार श्वेता कुमारी के विरुद्ध भी गंभीर आरोप लगे हैं। वे वर्तमान में उप निबंधक महानिरीक्षक मुख्यालय के पद पर कार्यरत हैं। धनबाद में अपने पूर्व कार्यकाल में उन्होंने भी निबंधन दस्तावेजों का सही ढंग से परीक्षण नहीं किया। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है।
इसी प्रकार तत्कालीन जिला अवर निबंधक, गोविंदपुर (धनबाद) सुजित कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में वे कोल्हान प्रमंडल, चाईबासा में निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनके खिलाफ भी कागजातों की अनदेखी और भूमि संबंधी नियमों की अवहेलना जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
मिहिर कुमार, जो गोविंदपुर निबंधन कार्यालय में जिला अवर निबंधक के पद पर थे, उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। उनके कार्यकाल में भी कई गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। इन सभी मामलों की निगरानी रिटायर्ड IAS इकबाल आलम अंसारी द्वारा की जाएगी जबकि धनबाद के अपर समाहर्ता को प्रस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। सरकार का यह कदम निबंधन कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।