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सुप्रीम कोर्ट  : कोरोना काल में अनाथ हुआ बच्चा ,कस्टडी के लिए मौसी और दादा-दादी में छिड़ा विवाद 

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डेस्क :
कोरोना काल में अनाथ हुए एक बच्चे का अनोखा मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है। 6 साल का यह बच्चा पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ हो गया था।कोरोना की दूसरी लहर में 13 मई को उसके पिता और एक महीने बाद 12 जून को बच्चे के माँ की मौत हो गई थी। अब बच्चा किसके पास रहे, क्या दादा-दादी उसका पालन पोषण करें या फिर उसकी मौसी , इसे लेकर अदालती लड़ाई छिड़ी हुई है।  गुजरात हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उसकी मौसी को सौंपी थी, लेकिन दादा-दादी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। 


सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले बुआ से मांगा जवाब 
हाई कोर्ट के फैसले के बाद बच्चा दाहौद में रहने वाली उसकी मौसी के साथ रह रहा है। हाईकोर्ट में मामला पहुंचने से पहले बच्चे की मौसी और मायके वाले ये कहकर बच्चे को ले गए कि मां का अंतिम संस्कार कराना है। उसके बाद बच्चे को वापस ही नहीं भेजा। जब बात करने का कोई नतीजा नहीं निकला तो दादा-दादी ने गुजरात हाईकोर्ट की शरण ली और बच्चे की कस्टडी देने की गुहार लगाई।हाईकोर्ट के जजों ने बच्चे से बात की और अपने फैसले में लिखा कि हमने बातचीत में नोटिस किया है कि बच्चा अपने दादा-दादी के साथ ज्यादा कंफर्टेबल है। हालांकि वो ये साफ फैसला नहीं कर पा रहा कि किसके साथ रहे।  

हाईकोर्ट ने अनुसार बच्चे की बेहतर परवरिश मौसी के साथ संभव  
हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उसकी 46 साल की मौसी को देने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले की वजह बताते हुए कहा कि उनकी शादी नहीं हुई है, वह केंद्र सरकार की नौकरी करती हैं और जॉइंट फैमिली में रहती हैं।  ऐसे में बच्चे का वहां पर पालन पोषण अच्छी तरह से हो सकेगा।  दूसरी तरफ दादा-दादी सीनियर सिटिजन हैं।  उनकी उम्र 71 साल और 63 साल है। वह दादा की पेंशन पर निर्भर रहते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाईकोर्ट से छूटे मामले के कई पहलू 
दादा-दादी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि अहमदाबाद में दाहौद से अच्छी पढ़ाई की सुविधाएं हैं।  जब तक मां-बाप थे, बच्चा वहीं पर पला-बढ़ा है। उसके चाचा का कोयंबटूर में रेस्तरां हैं, अगर पैसों की जरूरत पड़ी तो वह मदद करेंगे।  सुनवाई के बाद जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने हाईकोर्ट का आदेश स्टे कर दिया।  कोर्ट ने बच्चे की बुआ से मंगलवार तक ये बताने को कहा है कि बच्चे की कस्टडी दादा-दादी को क्यों न सौंपी जाए। फिलहाल बच्चा अपनी मौसी के पास दाहौद में है।