द फॉलोअप नेशनल डेस्क
मुबंई की एक कोर्ट ने ईडी के उस एक्शन को गलत करार दिया है, जिसमें जांच एजेंसी ने राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल की 180 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दिये थे। बता दें कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी अजित पवार गुट के नेता हैं और राज्यसभा सांसद हैं। ईडी ने पटेल के खिलाफ ये एक्शन तस्करों और विदेशी मुद्रा हेरफेर कानून के तहत लिया था। ईडी ने जांच के क्रम में प्रफुल्ल पटेल और उनके परिवार के स्वामित्व वाले मुंबई की वर्ली में सीजे हाउस की 12वीं और 15वीं मंजिल को जब्त कर लिया था।
क्या है मामला
इस प्रापर्टी की अनुमानित कीमत 180 करोड़ से अधिक है। मुंबई के महंगे इलाके वर्ली में 180 करोड़ रुपये के ये फ्लैट्स एनसीपी नेता पटेल की पत्नी वर्षा और उनकी कंपनी मिलेनियम डेवलपर के नाम से रजिस्टर्ड है। जांच के दौरान ईडी ने आरोप लगाया था कि ये संपत्तियां हाजरा मेमन से अवैध रूप से ली गयी हैं। बता दें कि हाजरा मेनन इकबाल मिर्ची की विधवा और पहली पत्नी हैं। इकबाल ड्रग माफिया और गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के गैंग का अहम शख्स था। इकबाल मिर्ची 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में भी आरोपी था। उसकी मौत 2013 में लंदन में गई थी।
शिवसेना ने कसा तंज
कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना, उद्धव गुट के संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, "अब यह स्पष्ट हो गया है कि ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई दोनों ही बीजेपी के ही अंग हैं। अब ईडी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। हमारे पास कोई अवैध संपत्ति नहीं थी। फिर भी उन्हें जब्त कर लिया गया। आपने सभी की संपत्ति जब्त कर ली है, लेकिन उन लोगों की नहीं जो आपका विरोध करते हैं। हम अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। आप मेरे कपड़े भी छीन सकते हैं। हम आपके सामने नहीं झुकेंगे।"
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