द फॉलोअप डेस्क
उत्तर प्रदेश के बनारस में दो बेटियां मां की लाश के साथ एक साल तक सोती रहीं। जब लाश से बदबू निकलने लगी, तो उसे तरोताजा रखने के लिए रूम फ्रेशनर, अगरबत्ती और धूप जलाने लगीं। इस दौरान लाश कंकाल में तब्दील में हो गयी। इसके बाद भी दोनों बेटियों ने मां की लाश के साथ सोना नहीं छोड़ा। दोनों बहनों ने मां की मौत के बारे में किसी को नहीं बताया। कोई परिचित या रिश्तेदार उनके घर आता भी, तो दोनों बहनें उनको लाश वाले कमरे में जाने से रोक देती थीं। कई बार वे रिश्तेदारों को घर के बाहर से ही बहाना बनाकर विदा कर देती थीं। धीरे-धीरे रिश्तेदारों ने भी उनसे संपर्क करना छोड़ दिया।
लाश की सफाई करती थीं दोनों बहनें
स्थानीय लोगों ने पुलिस को दोनों बहनों के संदिग्ध व्यवहार के बताया तो मामले का पर्दाफाश हुआ। दोनों बहनों ने पुलिस को बताया कि वे मां को खुद से अलग नहीं करना चाहती थीं। मां की जान भला ही चली गयी हो, लेकिन वे उनके शरीर को कहीं नहीं जाने देंगी। कहा, मां दूर चली गयी है, लेकिन उनके शरीर को हम दूर नहीं जाने देंगे। मिली खबर के मुताबिक दोनों बहनें कुछ देर के लिए भी मां के शव से अलग नहीं होती थीं। दोनों बहने खाना भी उसी कमरे में खाती थी और वे सोती भी मां के शव के साथ थीं। दोनों बहनों ने बताया कि वे शव को आये दिन धोती भी थीं। जब इससे बदबू निकलती तो रूम फ्रेशनर और परफ्यूम का इस्तेमाल करती थीं। कई बार उन्होंने सड़ रही लाश से कीड़े भी निकाले।
साइको मरीज हो सकती हैं दोनों बहनें
मृतक महिला का नाम उषा तिवारी बताया जाता है। उनकी मृत्यु किसी रोग के कारण दिसंबर के 2022 में हो गयी थी। दोनों बेटियों के नाम पल्लवी और वैष्णवी हैं। दोनों की आयु क्रमशः 27 और 19 साल है। बहरहाल, पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। वहीं, दोनों बहनों की मेडिकल जांच के लिए चिकित्सकों से संपर्क किया गया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि दोनों बहनों की मानसिक हालत सही नहीं है। दोनों साइको मरीज भी हो सकती हैं।