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Delhi : अग्निपथ स्कीम पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट का इंकार, सरकार से 4 सप्ताह में मांगा जवाब

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दिल्ली: 

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी अग्निपथ स्कीम (Agniveer Scheme) पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। दरअसल, गुरुवार को हाईकोर्ट में सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लांच की गई अग्निपथ स्कीम को लेकर सुनवाई थी।

हाईकोर्ट ने अग्निपथ स्कीम पर तत्काल रोक लगाने से इंकार करते हुए स्कीम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीशचंद्र वर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम ने कहा कि कोर्ट अंतरिम आदेश पारित करने की बजाय पहले सुनवाई करेगी।

 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की दलील
अग्निपथ स्कीम पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी (Aishwarya Bhati) ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते  हुए कहा कि सभी याचिकाओं पर एक ही जवाब दाखिल करेंगे। कोर्ट ने जवाब में कहा कि तीनों सेनाओं में निकली वैकेंसी के खिलाफ अलग-अलग याचिका दी गई है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो तीनों याचिकाओं पर विस्तृत जवाब दाखिल करे। इस पर ऐश्वर्या भाटी ने समय की मांग की थी। 

क्या है केंद्र सरकार की अग्निवीर स्कीम! 
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते 14 जून को अग्निपथ स्कीम की घोषणा की थी। ये सेना के तीनों अंगों के लिए रंगरूटों की बहाली के लिए लागू की गई। इसमें, वायुसेना, थलसेना और नौसेना में युवाओं को 4 साल के लिए ही भर्ती किया जायेगा। आयु सीमा 17 से 23 वर्ष निर्धारित की गई है। 4 साल के बाद 75 फीसदी अग्निवीरों को सेवामुक्त कर दिया जायेगा। प्रतिवर्ष सेना में नियुक्त हुए 25 फीसदी अग्निवीरों को ही आगे स्थायी कमीशन मिलेगा। गौरतलब है कि इस स्कीम का देशव्यापी विरोध हुआ था। कई राज्यों में खूब हिंसा भी हुई थी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि स्कीम वापस नहीं होगी।