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राष्ट्रपति बनने के बाद अपना पहला जन्मदिन मना रहीं हैं द्रौपदी मुर्मू, संघर्ष भरा है मुर्मू का राजनीतिक सफर

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द फॉलोअप डेस्क 

द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई 2022 में इस देश के सर्वोच्च पद का भार लेने के बाद बतौर राष्ट्रपति पहला जन्मदिन मना रही हैं। संयोग से ओडिशा में जन्मी द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद उनका पहला जन्मदिन भगवान जगन्नाथ कि रथयात्रा के दिन आया है। राष्ट्रपति ने इसी मौके पर अपनी जन्मदिन की शुरुआत भगवन जगन्नाथ के दर्शन से की हैं। द्रौपदी मुर्मू के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई नेताओं ने बधाई दी है।

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने तक का सफर 

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिला में हुआ था। वहां लड़कियों की शिक्षा सिर्फ कहने को थी। लेकिन द्रौपदी मुर्मू ने हार ना मानकर अपनी शिक्षा की शुरुआत गृह जनपद से से की थी. आगे की शिक्षा भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविघालय से पूरी कर न सिर्फ डिग्री हासिल की, बल्कि वही शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनहोंने अपने कदम राजनीति के ओर बढ़ाए। 1997 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद चुनाव लड़ा और जीत भी गई। हस जीत के बाद उनहोंने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा। ओदिशा में 2000 से 2002 तक वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रही। इसी दौरान मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया। जिसके बाद उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया..बतौर राज्यपाल मुर्मू ने वर्ष 2015 से 2021 तक अपनी सेवा दी। जिसके बाद एनडीए ने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया। यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी मतो से हराकर देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी।

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