द फॉलोअप डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है। यह मामला फरार हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि भंडारी ने यूपीए सरकार के दौरान रक्षा सौदों से अवैध रूप से कमाए गए पैसे से विदेशों में संपत्तियां खरीदीं — खासतौर पर लंदन में प्राइम लोकेशन पर स्थित संपत्तियां, जिनमें से कुछ में रॉबर्ट वाड्रा को 'बेनीफिशियल ओनर' (लाभार्थी मालिक) बताया गया है। रॉबर्ट वाड्रा 2018 से ED की जांच के दायरे में हैं। उन्होंने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और इसे "राजनीतिक बदले की भावना" बताया है।
संजय भंडारी के प्रत्यर्पण पर लगी रोक
संजय भंडारी, जो टैक्स चोरी, काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में भारत को लंबे समय से वांछित हैं, फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं। फरवरी में लंदन की हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस ने उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ की गई अपील को स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में उन्हें कैदियों और जेल अधिकारियों दोनों से "उगाही और हिंसा" का वास्तविक खतरा है।
ED ने हाल ही में भंडारी को "भगोड़ा आर्थिक अपराधी" घोषित करने की मांग की थी, लेकिन उनके वकीलों ने इसका विरोध किया। उनका तर्क था कि ब्रिटेन की अदालत द्वारा प्रत्यर्पण नकारे जाने के बाद भंडारी का वहां रहना पूरी तरह कानूनी है। इस कानूनी सुरक्षा ने भारतीय एजेंसियों के लिए भंडारी से सीधे पूछताछ करने की प्रक्रिया को टाल दिया है — जो कि वाड्रा से जुड़े मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, ED की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि रक्षा सौदों में कथित तौर पर मिली रिश्वत की रकम को कैसे विदेशों में भेजा गया और कैसे उसी पैसे से भंडारी ने लंदन में संपत्तियां खरीदीं, जिनका संबंध वाड्रा से बताया जा रहा है। रॉबर्ट वाड्रा ने पहले भी खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन इन आरोपों को उन्होंने "बेबुनियाद और प्रेरित" करार दिया है।