द फॉलोअप डेस्क
संसद के बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया। इस सर्वेक्षण में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया है। साथ ही देश के सामने मौजूद चुनौतियों को भी उजागर किया है।
जानकारी हो कि आर्थिक सर्वेक्षण एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसे केंद्रीय बजट से पहले सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए पेश किया जाता है। यह दस्तावेज सुधारों और विकास की दिशा को स्पष्ट करने के साथ-साथ आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए दिशा-निर्देश भी प्रदान करता है।आर्थिक समीक्षा की तैयारियां वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा की जाती हैं। इनकी देखरेख मुख्य आर्थिक सलाहकार करते हैं। यह पहली बार 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था और तब यह बजट दस्तावेज का हिस्सा था। बाद में 1960 के दशक में इसे केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया और अब यह बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है।
इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच वृद्धि होने का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक GDP में 6.4% की वृद्धि होने की संभावना है। यह सर्वेक्षण यह भी कहता है कि रबी की अच्छी पैदावार के कारण 2026 की पहली छमाही में खाद्य कीमतों में कमी आने की संभावना है।