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हिमाचल में नशा करने वालों का पता लगाने के लिए पुलिस का अनोखा तरीका, इस चीज का हो रहा मुफ्त वितरण

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द फॉलोअप डेस्क 
बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), : हिमाचल प्रदेश के  बिलासपुर जिले में नशे के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पुलिस ने एक बड़ी दिलचस्प और अनोखा अभियान चलाया है, जिससे अब आम लोग एक मिनट में यह जान सकते हैं कि उनका बच्चा या परिवार का कोई सदस्य मादक पदार्थों का नशा तो नहीं कर रहा। अपने 'हर घर, सतर्क परिवार' अभियान के तहत बिलासपुर जिले में पुलिस पहली बार परीक्षण किट वितरित कर रही है। इसके पीछे मकसद ये है की  यह पता लगाया जा सके कि कोई व्यक्ति नशे का आदी है या नहीं। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने मंगलवार को बताया कि जिले के सभी पुलिस थानों में परीक्षण किट भेज दी गई है, ताकि युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके। 

हिमाचल के युवाओं में चिट्टा (मिलावटी हेरोइन) और अन्य घातक मादक पदार्थों की बढ़ती लत एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य संकट बन गई है। यह किट छह तरह के मादक पदार्थों की पहचान करने में सक्षम है जैसे चिट्टा, चरस, अफीम, भुक्की, स्मैक और अन्य मादक पदार्थ। पुलिस ने कहा कि इस जांच के लिए किसी मेडिकल लैब प्रक्रिया की जरूरत नहीं है। 
इस किट के माध्यम से मूत्र के नमूने से यह पुष्टि की जाती है कि कोई नशे का आदी तो नहीं है।  पुलिस अधीक्षक धवल ने कहा, "बिलासपुर पुलिस के पास फिलहाल 2,000 परीक्षण किट उपलब्ध हैं और प्रत्येक पुलिस थाने को 200 किट भेजी गई हैं। " उन्होंने बताया कि पुलिस से मुफ्त में मिलने वाली इस किट की बाजार कीमत करीब 300 रुपये है।  पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, जिले की कुल 176 पंचायतों में से 40 पंचायतों को छोड़कर शेष सभी में चिट्टा खरीदने या बेचने के मामले सामने आए हैं। 

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