द फॉलोअप डेस्क
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार सुबह एक दुखद घटना घटी, जब संगम नोज पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोग घायल भी हुए हैं। हादसे के बाद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी भावुक हो गए। इस हादसे को लेकर उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि कुंभ की सुरक्षा सेना के हवाले की जानी चाहिए थी, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं मानी। महाकुंभ की सुरक्षा सेना को सौंपनी चाहिए थी
प्रेमानंद पुरी ने दुख जताते हुए कहा कि हमने कहा था कि कुंभ की सुरक्षा सेना को सौंपनी चाहिए, लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी। प्रशासनिक व्यवस्था ने इस महान आयोजन को कलंकित कर दिया है। इतनी भारी भीड़ को पुलिस के हवाले नहीं किया जा सकता था। इसका नतीजा अब सामने है। आज किसी का बेटा नहीं रहा, किसी का परिवार बर्बाद हो गया। इस दौरान प्रेमानंद पुरी ने यह भी कहा कि उनके दल के लोग श्रद्धालुओं से यह कहने के लिए गए थे कि भगदड़ मचने से बचने के लिए वे धीरे-धीरे अपने कैंपों में लौट जाएं। मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए जुटी थी भीड़
महामंडलेश्वर ने आगे कहा कि अगर सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को दी जाती, तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता। मुझे इस घटना से बेहद दुख पहुंचा है। जानकारी हो कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 15 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचने की संभावना थी। लेकिन इस हादसे ने स्थिति को बिगाड़ दिया है। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं।