logo

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ, 60 लाख लोगों ने लगाई डुबकी; जानिए क्या है मान्यता

3441.jpg

द फॉलोअप डेस्क
प्रयागराज की पावन भूमि पर आज से दिव्य महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। 13 मार्च यानी पौष पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। आज पवित्र स्नान का पहला दिन है। बताया जा रहा है कि विदेशी सैलानी भी धर्म और आस्था के पावन पर्व पर स्नान करने त्रिवेणी संगम पर पहुंचे हैं। ब्रह्म मुहूर्त से ही लाखों लोगों ने पवित्र संगम पर स्नान करना शुरू कर दिया है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान करने वाले हैं। श्रद्धालु अहले सुबह ही संगम तट पर पहुंचकर स्नान करते और संतों को दान कर आशीर्वाद लेते नजर आए।60 लाख श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्था की डुबकी
वहीं, उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने कहा, "महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज सुबह के स्नान से हो गया है, करीब 60 लाख लोग इसमें डुबकी लगा चुके हैं। इस बार का कुंभ आस्था और आधुनिकता का संगम है। हम लोगों ने पारंपरिक पुलिस व्यवस्था से हटकर तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था दी है। आज पुष्प वर्षा भी होगी। सब कुछ सुचारू और निर्बाध रूप से चल रहा है। इस बार कुंभ भव्य, दिव्य, डिजिटल और सुरक्षित हो, इसके लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।"

क्या है महाकुंभ को लेकर मान्यता
महाकुंभ को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस मेले में स्नान करने मात्र से लोगों को अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसे लेकर बताया गया कि समुद्र मंथन से निकले अमृत को पाने के लिए 12 सालों तक देवताओं और राक्षसों में युद्ध चला। इस दौरान कलश में से अमृत की बूंदें जिन स्थानों पर गिरीं, वहां पर कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है। 12 सालों तक युद्ध चलने के कारण ही कुंभ मेला का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है।

Tags - Prayagraj Maha Kumbh 2025 Triveni Sangam Religious Fair Divine and Digital MahaKumbh National News Latest News Breaking News