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घर में पड़ी थी मां की लाश, बाहर जन्मदिन मना रही थी बेटियां; क्यों चाहिए था 10 लाख का लोन?

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द फॉलोअप डेस्क
उत्तर प्रदेश के बनारस में दो बेटियां मां की लाश के साथ एक साल तक सोती रहीं। मृतका मां का नाम उषा त्रिपाठी है। पुलिस ने जब मामले को लेकर छानबीन करना शुरू किया तो हैरान कर वाली बातें सामने आई। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि उषा की दोनों बेटी पल्लवी और वैष्णवी किसी से बात नहीं करती थी। लगभग 2 महीने पहले उषा की छोटी बेटी का जन्मदिन था। इस दिन दोनों घर से बाहर निकलकर केक काटने की बात कही। जिसके बाद पड़ोसियों ने केक मंगवा कर कटवा दिया। लेकिन किसी तो क्या पता था कि दोनों बहनों सभी लोगों से इतना बड़ा राज छुपा रही थी। इतना ही नहीं उषा की बड़ी बेटी पल्लवी पड़ोस में रहने वाले रमेश सिंह ने आए दिन 10 लाख का लोन दिलाने को कहती थी। कारण पूछने पर कहती थी कि मुझे बिजनेस करना है। 


14 महीने पहले मिलने आई मौसी दरवाजा नहीं खुलने पर लौटी
रमेश सिंह ने बताया कि पल्लवी कहती थी कि मुझे बिजनेस करने है, इसके लिए पैसे की जरूरत है। मुझे पैसा चाहिए, लोन दिलवा दीजिए। पल्लवी की इस बात पर रमेश ज्यादा घ्यान नहीं देता था। रमेश ने बताया कि पल्लवी पहले अपने नाना के साथ ही रहती है लेकिन व्यवहार सही होने के कारण उसे बनारस पहुंचा गए। घर में तीन लोग ही रहते थे। समय-समय पर उषा के पिता और बहन उससे मिलने आया करते थे। करीब 14 महीने पहले उषा की बहन उससे मिलने आई थी लेकिन दोनों बेटियों ने दरवाजा नहीं खोला जिसके बाद उनकी मौसी वापस लौट गई। एक बार नाना भी आए तब भी लड़कियों ने दरवाजा नहीं खोला तो वो भी लौट गए। 


साल 2022 में हुई थी उषा की मौत
पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि उषा कॉस्मेटिक की दुकान चलाती थी। दुकान कोविड काल में 2021 के दौरान बंद हो गई थी। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और उषा क्षय रोग की चपेट में आ गई। साल 2022 में उषा की मौत हो गई।  इसके बाद दोनों बेटियों के दिमाग का संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगा। घर में आर्थिक तंगी और तमाम समस्याओं की वजह से दोनों बेटियां बाहरी दुनिया से कटती चली गईं और घर में ही कैद होकर रह गई। फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। दोनों बेटियों से भी पूछताछ की जा रही है।

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