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जुर्म : होमवर्क नहीं किया तो 5 साल की बच्ची को मां ने हाथ-पांव बांधकर 40 डिग्री तापमान में छत पर छोड़ा 

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डेस्क: 

होमवर्क नहीं करने की वजह से 5 साल की बच्ची को ऐसी खौफनाक सजा दी गई कि सुनकर रूह कांप जाएगी। होमवर्क ना करने की वजह से बच्ची को ऐसी सजा देने वाला कोई औऱ नहीं बल्कि उसकी मां है। मामला दिल्ली का है। दिल्ली के करावलनगर में अपने परिवार के साथ रहने वाली बच्ची को हाथ-पैर बांधकर भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में छत पर छोड़ दिया गया। घटना से संबंधित वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। पुलिस अब दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के मूड में है। 

 

चिलचिलाती धूप में छत पर छोड़ा
गौरतलब है कि चिलचिलाती धूप में रस्सियों से बंधी बच्ची का छत पर लेटा हुआ वीडियो वायरल होने पर दिल्ली पुलिस ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। हैरानी की बात है कि क्लास-1 में पढ़ने वाली पांच साल की बच्ची की गलती महज इतनी थी कि उसने अपना होमवर्क नहीं किया था। दिल्ली में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है। पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। ऐसे में बच्ची के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती थी। 

बच्चों को सुरक्षा के लिए मिले अधिकार
गौरतलब है कि भारत का संविधान इस प्रकार की यातना से बचाव के लिए बच्चों को कई प्रकार के कानूनी अधिकार देता है। संविधान का अनुच्छेद 21 गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार देता है। यही नहीं, 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार भी इसी अनुच्छेद का हिस्सा है। संविधान का अनुच्छेद 39 (E) ये सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि बच्चे के कोमल उम्र का किसी भी परिस्थिति में दुरुपयोग ना हो। भारतीय दंड सहिंता की कई धारायें भी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

 

आईपीसी की कौन सी धारायें लग सकती हैं! 
भारतीय दंड सहिंता की धारा-323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), धारा 325 (जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), धारा-326 (खतरनाक हथियार या इसी प्रकार के अन्य उपकरण से जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना) तथा 352 (हमला या हमले का इरादा) कानूनन अपराध है। ऐसे में बच्ची के साथ जो भी हुआ, वो कानून की नजर में अपराध की श्रेणी में आता है जिसके लिए सजा हो सकती है।