logo

चिंताजनक : आदिवासियों का क्यों हो रहा पलायन- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने चार राज्यों से पूछा

tribals.jpg

दिल्ली:

आदिवासी प्रकृति पूजक माने जाते हैं। उनके जीवन का आधार ही जल, जंगल और जमीन है। लेकिन विकास के नाम पर हो रहे निर्माण कार्य के कारण उनका लगातार विस्थान और पलायन हो रहा है। वहीं नक्सली घटनाएं भी एक कारण बताई जाती रही हैं। लेकिन मूल कारण क्या है, ये तो देश के चार राज्य ही बता पाएंगे। क्योंकि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उनसे 30 दिन के अंदर इस संबंध में जवाब देने को कहा है। 

 

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इन राज्यों से खासकर बस्तर से पलायन करने वाले आदिवासियों के कारण और पुनर्वास के संबंध में जानकारी मांगी गई है। आयोग आदिवासियों के आवास, रोजगार, राशन कार्ड, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। नोटिस आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष चौहान ने भेजा है।

 

 

संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों को भी कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। बता दें कि बस्तर बरसों से नक्सली हिंसा और पलायन का दंश झेल रहा है। 2005 अब तक 644 गांव से हजारों आदिवासी पलायन कर चुके हैं। इन्होंने पड़ोसी राज्यों में जाकर शरण ले ली। हालांकि इनका कोई उक्त राज्यों ने कोई प्रमाणिक सर्वे नहीं कराया है। हालांकि कभी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे नंद कुमार साय ने भी यह मामला उठाया था।