डेस्क :
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया है। मंगलवार शाम बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की थी। जिसका बीजेपी के शीर्ष नेताओं समेत एनडीए के नेताओं ने भी इसका स्वागत किया था।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी महिला हैं। एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है। (1/2)
— Nitish Kumar (@NitishKumar) June 22, 2022
लोजपा और हम पार्टी ने भी किया समर्थन
भारत में पहली बार किसी जनजातीय समुदाय के उम्मीदवार के राष्ट्रपति बनने की संभावना है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू की जीत तय लगभग तय है। झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू को बिहार के राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने की घोषणा को है।
पिछले दो बार से नीतीश कुमार लेते रहे हैं अलग फैसला
राष्ट्रपति चुनाव में गठबंधन से अलग निर्णय लेने का नीतीश कुमार का पुराना रिकॉर्ड रहा हैं। पिछले दो राष्ट्रपति चुनाव में यही देखा गया है। 2017 में महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार एनडीए के कैंडिडेट रामनाथ कोविंद का उन्होंने समर्थन किया था तो इससे पहले एनडीए के साथ रहते हुए यूपीए के कैंडिडेट प्रणब मुखर्जी के लिए जदयू ने वोट किया था। सबसे खास बात यह कि दोनों ही बार जदयू ने जिन्हें वोट दिया उनकी जीत हुई थी।हालांकि, बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से अभी तक यही सूचना है कि वह विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगा।