द फॉलोअप डेस्क
कॉलेज में अब कोई भी छात्र फटी जीन्स पहन कर नहीं जा सकेगा। इसके अलावा लड़कियों को भी हिजाब, बुर्का आदि धार्मिक वस्त्रों को पहनने की अनुमति नहीं है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि हिजाब, बुर्का, जैसे कपड़े ड्रेस के तहत नहीं आते हैं,इसलिए उनपर पाबंदी लगा दी गई है। छात्रों को कॉलेज में फॉर्मल कपड़े पहन कर ही आने को कहा गया है। अगर कोई छात्र आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें गेट से ही लौटा दिया जाएगा।
भारतीय या पश्चिमी कपड़ा पहने लड़कियां
कॉलेज प्रशासन की ओर से एक नोटिस जारी कर कहा गया है कि छात्रों को कैंपस में औपचारिक और सभ्य पोशाक पहननी चाहिए। वे हाफ शर्ट या फुल शर्ट और ट्राउजर पहन सकते हैं। लड़कियां कोई भी भारतीय या पश्चिमी कपड़ा पहन सकती हैं। बस ऐसा कोई भी ड्रेस न पहनें जो धर्म या सांस्कृतिक असमानता को दर्शाता हो। नकाब, हिजाब, बुर्का, स्टोल, टोपी, बिल्ला आदि को ग्राउंड फ्लोर पर बने कॉमन रूम में जाकर उन्हें हटाकर रखेंगे। उसके बाद ही वे पूरे कॉलेज में घूम सकते हैं। छात्र-छात्राओं को कैम्पस में फटी हुई जींस, टी-शर्ट, खुले कपड़े और जर्सी की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि यह कानून मुंबई के चेम्बूर स्थित एनजी आचार्य एंड डीके मराठे कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स लागू किया गया है।
ड्रेस कोड का पालन न करने पर गेट से लौटाए गए छात्र
कॉलेज प्रशासन की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है कि सभी लड़के अब कैंपस में फॉर्मल कपड़े ही पहन कर आएंगे। अगर छात्र इन ड्रेस कोड का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें कॉलेज के गेट से ही लौटा दिया जाएगा। यह नोटिस कल यानी सोमवार को जारी किया गया है। ऐसे में जो छात्र कल कॉलेज नहीं आए थे उन्हें इस ड्रेस कोड के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आज जब यह छात्र कॉलेज पहुंचे तो उन्हें एंट्री नहीं दी गई। इसके अलावा लड़कियों को भी हिजाब, बुर्का आदि धार्मिक वस्त्रों को पहनने की अनुमति नहीं है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि हिजाब, बुर्का, जैसे कपड़े ड्रेस कोड के तहत नही आते हैं, इसलिए उनपर भी पाबंदी लगाई गई है।