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22 जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रयागराज को मिल सकती है बड़ी सौगात

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द फॉलोअप डेस्क 

22 जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रयागराज को बड़ी सौगात मिल सकती है। इस बैठक में प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया गया है और इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
बैठक का आयोजन इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में सुबह 11 बजे किया जाएगा, जिसमें नए धार्मिक नगरी के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। नीति आयोग की संस्तुति पर प्रयागराज और वाराणसी को मिलाकर नया धार्मिक नगरी बनाने की योजना तैयार की गई है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही को भी शामिल किया गया है। इस क्षेत्र को मिलाकर एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसका कुल क्षेत्रफल 22 हजार किमी होगा।
इस प्रस्ताव के तहत पूरे क्षेत्र के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से विकास का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ क्षेत्रीय विकास और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
धार्मिक गलियारे को भी मिल सकती है मंजूरी
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने देखा है कि वे वाराणसी में काशी विश्वनाथ, अयोध्या में राम मंदिर, मिर्जापुर में विंध्याचल धाम दर्शन के साथ-साथ प्रयागराज, विंध्याचल और चित्रकूट भी जाते हैं। इससे इन जिलों के पर्यटन और आर्थिक तंत्र में भी मजबूती आई है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक धार्मिक गलियारे का निर्माण प्रस्तावित किया गया है, जिसमें प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, विंध्यधाम और चित्रकूट को शामिल किया जाएगा।
इस प्रस्ताव के तहत रिंग रोड समेत कई विकास कार्यों की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही सेतु निगम की ओर से शिवकुटी से हेतापट्टी के बीच गंगा नदी पर पुल का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसका सर्वे हो चुका है और शासन से भी मंजूरी मिल गई है।
इसके अलावा सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से मेयोहाल चौराहा, नैनी में जेल से औद्योगिक क्षेत्र तक चार स्थानों पर एलिवेटेड पुल का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। इनका सर्वे करके प्रारंभिक लेआउट भी तैयार किया जा चुका है। इन सभी प्रस्तावों पर भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल सकती है।
अगले कदम
कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा और मंजूरी के बाद इन परियोजनाओं का कार्य आरंभ हो सकता है, जो न केवल इन जिलों के विकास में सहायक होगा, बल्कि पर्यटन और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।
 

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