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रेलवे देश की जीवन रेखा, इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं होने चाहिए: अश्विनी वैष्णव

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नयी दिल्ली : रेल दुर्घटनाओं को लेकर राजनीतिक आलोचनाओं का सामना कर रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय परिवहन सेवा देश की जीवन रेखा है और इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं होने चाहिए। वैष्णव ने कहा कि कुछ घटनाओं में परेशान करने वाले कुछ तथ्य सामने आए हैं लेकिन रेलवे प्रत्येक घटना की विस्तृत जांच कर रहा है। उन्होंने रेलवे पटरियों पर पत्थर और रॉड जैसी वस्तुएं रखे जाने से रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की घटनाओं के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में ये बात कही। वैष्णव ने कहा कि कुछ घटनाओं में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो परेशान करने वाले हैं और इन्हें गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में रेल मंत्री ने कहा, ‘‘रेलवे और रक्षा ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। मेरा मानना ​​है कि रेलवे को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है और अगर कुछ भी नकारात्मक होता है तो यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि ट्रेन सेवाओं का संचालन कुशलता से हो।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने पिछले एक वर्ष के दौरान मौजूदा नेटवर्क में 5,300 किलोमीटर रेलवे लाइन जोड़ी हैं।

वैष्णव ने कहा, ‘‘दस वर्ष पहले रेलवे में निर्माण की औसत गति चार किलोमीटर प्रतिदिन थी। आज यह 14.5 किलोमीटर प्रतिदिन है। उन्होंने कहा कि सभी स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं अगले पांच वर्ष में पूरी हो जाएंगी। रेलवे में भर्ती के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि सरकार ने रेलवे में रिक्तियों को भरने के लिए भर्ती कैलेंडर तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि चार तिमाहियों को रोजगार की एक विशेष श्रेणी से जोड़ा गया है। पहली तिमाही अर्थात जनवरी से मार्च को लोको पायलट की भर्ती के लिए निर्धारित किया गया है, दूसरी तिमाही तकनीशियन और जूनियर इंजीनियर को नियुक्त करने के लिए, तीसरी तिमाही गैर-तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती के लिए और चौथी तिमाही लेवल-1 अधिकारियों के लिए निर्धारित की गई है।