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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा : फ्रांस का कागज, जापान की स्याही; 400 साल तक खराब नहीं होगा ये रामायण 

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द फॉलोअप डेस्क 

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) में आपको ऐसा रामायण देखने को मिलेगा जिसे फ्रांस के कागज और जापान की स्याही का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है। इसके प्रकाशक का नाम मनोज सैनी है ओर वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेने के लिए अय़ोध्या भी पहुंच चुके हैं। सैनी ने बताया कि इस रामायण की जिजाइन तैयार करने के लिए उन्होंने कई विशेषज्ञों का सहारा लिया। कहा कि ऐसा रामायण आपको दुनिया में कहीं भी नहीं मिलेगा। बताया कि इसके कागज को खास तौर पर केमिकल देकर तैयार किया गया है और इसे एसिड फ्री बनाया गया है। इसके पन्ने 400 साल तक खराब नहीं होंगे। गौरतलब है कि इस रामायण की प्रतियां प्राण प्रतिष्ठा के दिन से बेची भी जायेंगी। 

इतनी है इस रामायण की कीमत 

प्रकाशक मनोज सैनी ने बताया कि इस विशेष रामायण की प्रतियों को भक्तों को बेचा भी जायेगा। इसकी कीमत लगभग 1.60 लाख रुपये होगी। सैनी ने बताया कि जिस तरह से राम मंदिर तीन मंजिला है उसी तरह से इस रामायाण का कवर भी तीन स्तरों वाला है। इसकी बाहरी डिजाइन को राम मंदिर की डिजाइन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। बताया कि इसके पहले स्तर पर स्टैंड है, जिससे इसे पढ़ने में सुविधा होगी। रामायण पुस्तक के तीनों स्तर को तैयार करने के लिए अमेरिकी वालनट का इस्तेमाल किया गया है। कवर के मैटेरियल को भी विदेश से आयात कर बनाया गया है। 

ऐसी है प्रभु राम की मूर्ति 

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोद के हाथों के होनी है। इसकी सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। राम मंदिर के लिए रामलला की इस मूर्ति को कर्नाटक प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। वहीं गुरुवार को श्रीरामलला को गर्भगृह में विराजमान करने से पहले विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए। योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं। अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।