द फॉलोअप डेस्क
रिलायंस कैपिटल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने बैंकों और निगरानी समिति को निर्देश दिया है कि वे रिलायंस कैपिटल का स्वामित्व इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को सौंपने की प्रक्रिया से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान 12 मार्च तक करें। इस मामले में मुंबई पीठ ने बुधवार को सुनवाई की और सभी पक्षों से अपील की कि वे 12 मार्च तक लंबित प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी करें।
12 मार्च तक कार्यवाही पूरी करने का निर्देश
इस संबंध में IIHL के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने रिलायंस कैपिटल के खाता में 2,750 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की पेशकश की है। ताकि लेनदेन को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया जा सके। न्यायाधिकरण ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और अब सभी संबंधित पक्षों को 12 मार्च तक कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया गया है।गौरतलब है कि 10 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई के बाद से निगरानी समिति की 7 बैठकें हो चुकी हैं। इसमें समाधान योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। IIHL ने दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए अप्रैल 2023 में 9,650 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। इसके साथ ही कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) क्षेत्र को तीन गुना बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। जबकि वर्तमान में इसका कारोबार 15 अरब डॉलर है।
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण और शेयर और जिंस बाजारों से भी इस अधिग्रहण के लिए आवश्यक मंजूरियां पहले ही प्राप्त हो चुकी हैं। आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को RBI ने नवंबर 2021 में भुगतान चूक और संचालन संबंधी समस्याओं के कारण हटा दिया था, और इसके बाद नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया गया था, जिन्होंने कंपनी के अधिग्रहण के लिए फरवरी 2022 में बोलियां आमंत्रित की थी।