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75% शिक्षक होंगे तभी मिलेगा UGC अनुदान, नियमों में बड़ा बदलाव

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द फॉलोअप डेस्क 

UGC ने अपने वित्तीय सहयोग के नियमों में अहम बदलाव किये हैँ। इसके मुताबिक अब कॉलेज और विश्वविद्यालयों को UGC का अनुदान तभी मिल सकेगा जब शिक्षकों के कम से कम 75% पद भरे होंगे। इसी के साथ UGC ने ये भी कहा है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय अब छात्रों से मनचाही फीस नहीं वसूल सकेंगे। छात्रों से उनको उतनी ही फीस लेनी होगी, जितनी केंद्र, राज्य विश्वविद्यालय स्तर पर पहले से निर्धारित की गयी है। वहीं, नये नियम के तहत कॉलेज और विश्वविद्यालयों को नैक, एनबीए और एनआइआरएफ से रैंकिग हासिल करना भी जरूरी होगा। इन शर्तों को पूरा किये  बिना UGC से अनुदान नहीं मिलेगा। 


  ये बदलाव भी किये गये 

UGC ने कहा कि अनुदान लेने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों को राज्यों और केंद्र की आरक्षण नीतियों का पालन करना होगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों को अनुदान के लिए तीन या तीन से अधिक कार्यक्रमों को बतौर प्रोजेक्ट दिखाना होगा। इन कार्यक्रमों में कम से कम 60 फीसद कार्यक्रम का मान्यता प्राप्त होना आवश्यक है। इसी तरह संस्थानों को शिक्षकों को वही वेतनमान देना होगा राज्य या UGC ने पहले से तय किये हैं। कहा है कि नामांकन और अन्य सुविधाओं के मामले में आरक्षण नीतियों का पालन होगा। 

रैंकिंग के लिए ये हैं शर्तें 

UGC ने कहा है अनुदान लेने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों को एनआइआरएफ की रैंकिंग में शामिल होना जरूरी होगा। अगर किसी संस्थान ने रैंकिंग में शामिल होने के लिए पांच भागीदारी की है तो उसे कम से कम तीन बार रैंकिंग लिस्ट में दर्ज होना होगा। वहीं रैंकिंग कार्यक्रम में सिर्फ तीन बार भाग लिया है तो दो बार संस्थान को रैंकिंग लिस्ट में दर्ज होना होगा। इसके बाद ही UGC का अनुदान मिल सकेगा।