द फॉलोअप नेशनल डेस्क:
मोदी सरकार 3.0 शून्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बड़े मंत्रिपरिषद ने शपथ ग्रहण किया। कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि केंद्रीय कैबिनेट में अधिकांश कितने मंत्री हो सकते हैं। नियमों के मुताबिक कैबिनेट में पीएम सहित 80 से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते हैं। संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम-2003 के मुताबिक, कैबिनेट में लोकसभा के कुल सदस्य संख्या का 15 फीसदी से ज्यादा सदस्य मंत्रिमंडल में नहीं हो सकते हैं। बताया जाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रियों की संख्या 83 तक पहुंच गई थी। इसके बाद ही इसमें संशोधन की जरूरत महसूस की गई थी। मोदी कार्यकाल के पिछले 10 साल में मंत्रियों की संख्या 80 के पार नहीं गई है। औसतन 75 मंत्री ही रहे हैं जिनमें कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और राज्यमंत्री रहे। इस बार भी कैबिनेट का स्वरूप वैसा ही होगा। हालांकि, इस बार बीजेपी के मंत्रियों की संख्या कम होगी।
2014 में कितने मंत्रियों ने ली थी शपथ
2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी ने 543 सदस्यों वाली लोकसभा में 282 सीटें जीतकर स्पष्ट जनादेश हासिल किया। बहुमत का आंकड़ा 272 होता है। पीएम ने 45 मंत्रियों के साथ शपथ ली जिनमें 23 कैबिनेट मंत्री थे। 10 स्वतंत्र प्रभार वाली राज्यमंत्री थे। 12 राज्यमंत्री थे। 99 नवंबर 2014 को कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ। इसमें 21 नए मंत्री शामिल हुए। कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 66 पहुंच गई। जुलाई 2016 और सितंबर 2017 में कैबिनेट का विस्तार हुआ। सदस्यों की संख्या 77 हो गई।
2019 में 58 मंत्रियों ने पहले ली थी शपथ
वर्ष 2019 में 58 मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण किया। इसमें 24 कैबिनेट मंत्री थे। 9 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री थे। 25 राज्यमंत्री थे। बाद में कैबिनेट विस्तार के बाद कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 74 तक पहुंच गई। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। इस बार गठबंधन की सरकार बनी है। टीडीपी, जेडीयू, जनसेना, शिवसेना (शिंदे) एनसीपी (अजीत पवार), लोजपा, हम, अपना दल और आजसू सहित कई प्रमुख घटक दल हैं। सबको सरकार में भागीदारी दी गई है।