द फॉलोअप डेस्क
लोकसभा स्पीकर पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बनी। परिणाम यह है कि भारतीय लोकतंत्र के 72 वर्षों के इतिहास में यह तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव होगा। 26 जून यानि कल सुबह 11 बजे वोटिंग होगी। उसके बाद नतीजे आएंगे। गौरतलब है कि एनडीए की ओर से ओम बिरला उम्मीदवार हैं। वहीं विपक्ष ने के. सुरेश को मैदान में उतारा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश कौन हैं? कांग्रेस ने इन्हें ही क्यों चुना।
1989 में पहली बार चुनाव जीता था
के. सुरेश का पूरा नाम कोडिकुनिल सुरेश है। वह एक दलित नेता हैं और आठ बार के सांसद हैं। इस बार के. सुरेश केरल के मवेलिकारा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। के. सुरेश ने 1989 में पहली बार चुनाव जीता था। 1989 में के. सुरेश ने अदूर से जीता था। 1991, 1996 और 1999 में भी अदूर निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि,1998 और 2004 में वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद साल 2009 में के.सुरेश ने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदला और मवेलीकारा से मैदान में उतरे और सांसद चुने गए। इसके बाद वह लगातार सभी चुनावों में इस सीट जीतते आ रहे हैं।
मनमोहन सिंह सरकार में रह चुके हैं मंत्री
बता दें कि 2009 में मनमोहन सिंह सरकार में सुरेश केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रहे। वे 2012 से 2014 तक राज्य मंत्री रहे। साल 2018 में संगठन की जिम्मेदारी दी गई और केरल कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद अब 2024 में जीत के बाद उन्हें कांग्रेस की ओर से लोकसभा में सचेतक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। के. सुरेश केरल कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं और वह संगठन में बड़े पदों पर काम कर चुके हैं।
लॉ ग्रेजुएट है के सुरेश
बता दें कि के सुरेश का जन्म तिरुवनंतपुरम जिले के कोडिकुन्निल में बेहद गरीब परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा तिरुवनंतपुरम से ही हुई है। के सुरेश एक लॉ ग्रेजुएट हैं। उन्होंने अपनी प्री-डिग्री की पढ़ाई तिरुवनंतपुरम के मार इवानियोस कॉलेज से की है जबकि कानून की पढ़ाई तिरुवनंतपुरम सरकारी लॉ कॉलेज से की है।