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देवघर में सेप्टिक टैंक में 6 लोगों की जिंदा समाधि, एक को बचाने के चक्कर में उतरते गए बारी-बारी से लोग लेकिन निकली सभी की लाशें

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द फॉलोअप टीम, देवघर
देवघर के देवीपुर में एक को बचाने के चक्कर में एक-एक कर 6 लोगों की सांसें थम गई। निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक की सेंट्रिंग खोलने के दौरान ये दर्दनाक हादसा पेश आया। हादसे की जानकारी मिलते ही इलाके में मातम फैल गया है। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि महज एक घंटे के अंदर घर से 6 लाशें निकाली जाएगी। मृतक के परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल है। खास तौर पर गृहस्वामी के परिवारवालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़े अरमान से वो घर बनवा रहे थे, लेकिन इसी घर के सेप्टिक टैंक में वो और उनका छोटा भाई जिंदा दफन हो गए। राजमिस्त्री का परिवार भी गम में डूब गया है। मिस्त्री के अलावा उसके दो जवान बेटे इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।

सुबह 9 बजे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक करीब 10-12 फीट गहरी निर्माणाधीन टंकी के दोनों ढक्कन बंद थे। सुबह करीब 9 बजे मिस्त्री-मजदूर पहुंचे तो टंकी का ढक्कन हटाकर मजदूर लीलू को सेंट्रिंग खोलने के लिये अंदर उतारा गया। उसके अंदर उतरते ही कोई गतिविधि नहीं हुई तो गृहस्वामी ब्रजेश वर्णवाल टंकी के अंदर गए, लेकिन वो भी बाहर नहीं आ सके। हो-हल्ला सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। दोनों की कोई हरकत नहीं देख भैया -भैया चिल्लाते हुए मिथिलेश भी टंकी के अंदर उतर गया। हालांकि मिथिलेश को टंकी में उतरने से लोगों ने रोका भी, लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी। इसके बाद बारी-बारी से मिस्त्री गोविंद सहित उसके दोनों पुत्र बगलू व लालू भी टैंक के अंदर गए, लेकिन सभी की सांसें थम गई। दम घुटने से टंकी के अंदर 6 लोगों की मौत हो चुकी थी। 

JCB की मदद से निकाली गई लाश
मामले की सूचना पाकर देवीपुर थाना प्रभारी करुणा सिंह दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। जेसीबी मंगाकर बगल की बाउंड्री तोड़कर  जेसीबी को अंदर घुसाया गया। सैप्टिक टंकी से सभी को बाहर निकलवाया गया और इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने देखते ही सभी को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि इस तमाम कवायद में एक से डेढ़ घंटे लग गए जिस कारण किसी को बचाया नहीं जा सका। 

इन 6 लोगों की हुई मौत
जहरीली गैस से जिन 6 लोगों की मौत हुई है, उनमें 50 साल के ब्रजेशचंद्र वर्णवाल के अलावा 44 साल का उनका छोटा भाई मिथिलेश चंद्र, कोल्हाडिया गांव निवासी 50 साल के मिस्त्री गोविंद मांझी, उनके 30 और 25 साल के दोनों पुत्र बंगलु मांझी और लालू मांझी के अलावा पिरहाकट्टा गांव निवासी 27 साल का मजदूर लीलू मुर्मू शामिल है। 

सदर अस्पताल पहुंचे डीसी
मामले की जानकारी पाकर डीसी कमलेश्वर प्रसाद सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने देवीपुर सीओ को प्रावधान के तहत मृतक मिस्त्री-मजदूर को तत्काल मुआवजा दिलाने का निर्देश दिया। इधर घटना से देवीपुर सहित कल्होडिया और पिरहाकट्टा गांव में शोक की लहर है।