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डोरंडा दरगाह 214 वां उर्स: अंतिम दिन मुरादों से भरी चादरों की पोशी का चलता रहा दौर

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द फॉलोअप टीम, रांची:

जिसे आप चाहें। जिसके इश्क़ में दीवानावार हो जाएं, जब उससे बिछुड़ने की बारी आ जाए जो आंखों का डबडबा जाना स्वभाविक है। ऐसा ही भावुक मंज़र आज हज़रत रिसालदार बाबा के दरगाह पर दिखा। कोई चौखट छोड़ने को राज़ी ही नहीं। क्योंकि जायरीन को लग रहा था, पता नहीं अगले उर्स में उनका आना होगा या नहीं होगा। सुबह से ही अकीदतमंदों से दरगाह गुलजार रही। मुरादों-भरी चादरों की पोशी का दौर चलता रहा। मिलाद भी हुई। बात पांच दिनी  उर्स के अंतिम दिन का है। अकीदतमंदों ने बाबा के मज़ार पर हाजरी देकर अपनी मुरादे मांगी। जिन्होंने मन्नत मांगी थी वह अपने मन्नत के हिसाब से बाबा के दर पर हाजरी देकर चादर पोशी की। आखरी दिन चादर पोशी करने वालो में कांग्रेस अल्पसंख्यक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी, कांग्रेस राज्य अल्पसंख्यक मोर्चा के महासचिव सैयद हसनैन ज़ैदी, प्रभारी उमैर खान, जस्टिस हाईकोर्ट चन्द्र शेखर, डोरंडा सचिवालय, झमुमो नेत्री डॉ महुआ माजी, डोरंडा गद्दी पंचायत, डोरंडा ग्वाला टोली से 151 चादर पोशी की गई।

सुबह से देर रात तक चलता रहा लंगर 

सुबह से देर रात तक दरगाह कमेटी की ओर से लंगर का वितरण होता रहा। इसके अलावा कई तंजीम-संगठनों ने लंगर बांटा। उर्स की कामयाबी में दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हाजी रऊफ गद्दी, महासचिव मोहम्मद फ़ारूक़, प्रवक्ता जावेद खान गद्दी, संरक्षक आसिफ अली, इरफ़ान खान, ऑडिटर शराफत हुसैन गद्दी, उप सचिव शोएब अंसारी, अली अहमद, पार्षद नसीम उर्फ पप्पू गद्दी, संपा गद्दी, इमामुद्दीन गद्दी ,मो रब्बानी, अतीकुर्रहमान गद्दी, मंजूर हबीबी, इकबाल राइन,  कलीम गद्दी, अब्दुल वाहिद, मो शफीक, हैदर गद्दी, इरफान गद्दी और मो मोख्तार आदि की भूमिका रही।

झारखण्ड ओबीसी आरक्षण मंच के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव के नेतृत्व में चादरपोशी की। इस टोली में  जबीउल्लाह, रविन्द्र भारती, डॉ मुजफ्फर हुसैन, रामकुमार यादव, चन्देशर सिंह  और अकील उर्रहमान आदि शामिल थे।