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एनटीपीसी के कोल डंप में लगी आग का मामला: ग्रामीणों ने कहा-कोयले में लगी आग की चिंता है... लोगों के पेट में लगी आग की चिंता क्यों नहीं?’

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द फॉलोअप टीम, रांची 
हजारीबाग के बड़कागांव स्थित एनटीपीसी के कोल डंप में आग लगने के अगले दिन प्रशासनिक अधिकारियों का अमला विस्थापितों और प्रभावित रैयतों से बात करने के लिए रविवार को पहुंचा। एसडीओ ने रैयतों को समझाया कि डंप में लगी आग से लोगों को काफी परेशानी होगी। ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि कोयले में लगी आग की चिंता है, लोगों के पेट में लगी आग की चिंता क्यों नहीं है?’

1 सितंबर से सत्याग्रह पर डटे हैं रैयत
ग्रामीणों ने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जायेंगी, उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा। वे कोयले की न तो ट्रांसपोर्टिंग होने देंगे, न ही कोयले का खनन होने देंगे। झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में 16 जगहों पर 1 सितंबर से चल रहे सत्याग्रह व अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों व रैयतों के साथ प्रखंड व जिला प्रशासन ने बैठक की।

'पेट की आग की चिंता किसे है?'
बैठक में रैयतों ने बारी-बारी से अपनी राय दी। लोगों ने कहा कि एनटीपीसी एवं प्रशासन को कोयले में लगी आग की चिंता है, लेकिन गांवों के लोगों की पेट में जो आग लगी है, उसकी चिंता किसी को क्यों नहीं है?  लोगों के पेट की लगी आग कब बुझेगी?  कैसे बुझेगी?  रैयतों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक कोयले की ट्रांसपोर्टिंग, कोयले का खनन नहीं करने दिया जायेगा, न ही धरना खत्म होगा।

एनटीपीसी के अड़ियल रुख से बात नहीं बनेगी : अंबा प्रसाद
इधर, बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि एनटीपीसी इतने घमंड में है कि आज तक उसने ग्रामीणों से वार्ता तक करने की जरूरत नहीं समझी। राज्य सरकार के उच्चस्तरीय कमेटी के प्रस्ताव को भी मानने से कंपनी ने इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार झारखंड राज्य को किसी तरह का लाभ नहीं देना चाहती है। एनटीपीसी ने भी अड़ियल रुख अपना रखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और उसकी कंपनियां कौड़ी के भाव में झारखंड की खनिज संपदा को लूटना चाहती है। पकरी बरवाडीह परियोजना अगर राज्य सरकार के अधीन होता, तो अब तक सभी विस्थापित एवं प्रभावितों की मांगें पूरी हो चुकी होती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि सरकार विस्थापितों एवं प्रभावितों के साथ है। 

डीसी से एनटीपीसी का प्रतिनिधिमंडल मिला
इधर, एनटीपीसी के कोल डंप में आग लगने के बाद एनटीपीसी के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात की। उपायुक्त को बताया कि यदि कोयले को वहां से नहीं हटाया गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बाद उपायुक्त के आदेश पर एसडीओ विद्या भूषण, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को वार्ता करने के लिए बुलाया।

आग से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ सकती है: एसडीओ
एसडीओ विद्या भूषण ने कहा कि कोल डंप में आग लग गयी है। इससे खतरा बढ़ सकता है। इसकी आग बढ़ेगी तो ग्रामीणों की परेशानी बढ़ेगी। आपदा को आने से पहले ही इस समस्या को खत्म करना होगा। इस अवसर पर एसडीपीओ भूपेंद्र राउत, अंचल अधिकारी वैभव कुमार सिंह, बीडीओ प्रवेश कुमार साव के अलावा कई ग्रामीण भी मौजूद थे।