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पीएमसीएच में भर्ती मरीज होते हैं ठगी के शिकार, ब्लड सैंपल लेते हुए पकड़ा गया दलाल

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द फॉलोअप टीम, पटना
पीएमसीएच में भर्ती मरीजों को सरकार की तरफ से इलाज के साथ-साथ मुफ्त जांच की सुविधा दी गयी है, लेकिन भोले-भाले मरीजों को सही जानकारी नहीं होने की वजह से आए दिन दलाल गुमराह कर ठगी का शिकार बनाते हैं। पीएमसीएच के टाटा वार्ड इमरजेंसी में भर्ती मरीजों से एक दलाल जांच के नाम पर पैसे ऐंठने के क्रम पकड़ा गया। इसकी भनक लगते ही इमरजेंसी इंचार्ज डॉ अभिजीत ने अस्पतालकर्मियों के साथ ऐन वक्त पर धावा बोला और पैसे लेते रंगे हाथों दलाल को पकड़ लिया। पकड़ा गया दलाल अपना नाम अंकुश बता रहा है जो कि प्रतिष्टित डॉ लाल पैथ का कर्मी है।

दलाल चकमा देकर वार्ड में करता है प्रवेश
दलालों के विचरण करने से एक बार फिर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है। दलाल सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर सुबह में ही वार्ड में चुपके से प्रवेश कर गया था और जांच के नाम पर एक-एक कर चार मरीजों से मोटी रकम की वसूली कर चुका था। इमरजेंसी इंचार्ज ने पकड़े जाने के बाद दलाल को पीरबहोर पुलिस को सुपुर्द कर दिया है, जहां पुलिस लगातार छानबीन में जुटी है। पुलिस ने डॉ. लाल पैथ के अधिकारियों को भी हाजिर होने का आदेश दिया है। दलाल के पास से 200 से ज्यादा जांच के सैम्पल मिले हैं, जो कि विभिन्न सरकारी अस्पतालों को निशाना बनाकर वहां के मरीजों को निजी लैब में जांच के नाम पर गुमराह करता है। हालांकि इसके पीछे एक बड़े गैंग का हाथ बताया जाता है।

दलालों पर अंकुश लगाना आसान नहीं
जानकारी के अनुसार दलाल मरीजों के परिजनों से भी मोटी रकम वसूली जाती है। जांच के नाम पर 600 रुपये तक लिए जाता हैं। बताया जा रहा है कि पीएमसीएच में ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। बता दें कि दलालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई बार योजनाएं बनी लेकिन उसका कोई लाभ नहीं मिला। अधीक्षक और प्राचार्य की तरफ से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है। यहां के कर्मियों के सहयोग से दलाल अस्पताल में प्रवेश करते हैं और गरीब परिजनों का आर्थिक शोषण करते हैं। इस घटना के बाद अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड पर भी सवाल उठ रहा है, क्योंकि हाल में ही वार्ड से बच्चा चोरी को भी अंजाम दिया गया जिसके बाद हड़कम्प मच गया था। अस्पताल प्रशासन भले सीसीटीवी कैमरे से कड़ी निगरानी रखने की बात करता है, लेकिन मरीज के वेश में दलाल इंट्री लेते हैं। ऐसे हालात में दलालों पर कड़ी निगाह रखने की बात में कोई दम नजर नहीं आता।