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राज्‍यपाल से मिलने के बाद पत्थलगड़ी समर्थक बोले, संविधान देता है अधिकार, रांची में भी चलेगा पड़हा राज

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द फॉलोअप टीम, रांची:
काले रंग के शिलापट पर सुनहरे अक्षरों में अंग्रेजी में लिखी इबारत। इसे लेकर दो दिनों से गुमला और खूंटी आदि जिले के आदिवासी शहर में घूम रहे हैं। कल वो डोरंडा में हाई कोर्ट के सामने उसे गाड़ना चाहते थे। पुलिस ने रोक दिया, तो आज वो राज्यपाल से मिले। राजभवन से बाहर आकर मीडिया से वो बोले, उन्हें संविधान की पांचवीं अनुसूची यह अधिकार देती है कि जिन जिले में यह लागू है, वहां आदिवासियों के पड़हा राजा का ही राज चलेगा। झारखंड में रांची समेत 12 जिले हैं। उक्त  अनुसूची के तहत इन जिलों के आदिवासियों पर कोई केस-मुकदमा लागू भी नहीं होता। 

विधानसभा और हाई कोर्ट के सामने जरूर करेंगे पत्थलगड़ी 
रांची पहुंचे पत्थलगड़ी समर्थकों में मुंडा, हो, उरांव आदि पांच जनजाति समुदाय के लोग शामिल हैं। राजभवन के समक्ष पत्रकारों से इन्होंने बताया कि वो झारखंड विधानसभा और हाई कोर्ट के सामने पत्थलगड़ी जरूर करेंगे। कुडुख नेशनल काउंसिल के बैनर तले पत्थलगड़ी समर्थक जुटे हुए हैं।



क्या कहा राज्यपाल ने, प्रतिनिधिमंडल ने जो बताया
राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर आए प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें कहा है कि यह संवैधानिक मामला है। इसका अध्ययन करने के बाद ही निर्णय से अवगत कराया जाएगा। पुलिस आप लोगों को अकारण परेशान न करे, निर्देश दिया जाएगा।