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रांची के वेटनरी कॉलेज की ऑनलाइन परीक्षा में छात्र को रखने होंगे दो मोबाइल, बढ़ी छात्रों की परेशानी

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द फॉलोअप टीम, रांची:  
कोरोना महामारी के दौर में घर में ‘लॉक’ होने से लोगों के रोजगार के साथ-साथ जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां तक कि बच्चों की पढ़ाई पर भी कोरोना ने अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ रांची वेटनरी कॉलेज के छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए दो मोबाइल रखने की शर्तें रखी गई है। इससे बच्चों की पढ़ाई पर कम और मोबाइल की व्यवस्था पर अधिक ध्यान है। 

दो मोबाइल से ही हो पाएगी ऑनलाइन परीक्षा 
रांची वेटनरी कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रबंधन ने ऑनलाइन परीक्षा के लिए दो मोबाइल की शर्त रखी है, ताकि पारदर्शी तरीके से परीक्षा ली जा सके। ऑनलाइन परीक्षाएं एक घंटे की होगी। छात्रों को एक मोबाइल से परीक्षा देने की अनुमति होगी। दूसरे मोबाइल से छात्र को परीक्षा में शामिल होने का लाइव चित्र दिखाने को कहा गया है। यह व्यवस्था कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य से रखी गई है। वहीं छात्रों का कहना है कि दो एंड्रॉएड फोन की व्यवस्था करना उनके लिए संभव नहीं है।

डीन ने रिश्तेदरों से मोबाइल लेने को कहा 
वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ. सुशील कुमार का कहना है कि बच्चों को नया मोबाइल खरीदने के लिए नहीं कहा जा रहा है। वो एक घंटे के लिए किसी दोस्त या रिश्तेदार से फोन लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा लेने के लिए केवल नौ-नौ छात्रों के ग्रुप बनाए गए हैं। ऑनलाइन परीक्षा में मॉनिटरिंग के लिए हमारे पास छात्रों का वीडियो आना जरूरी है। सवाल उठता है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो कदाचारमुक्त परीक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकेगी।

गरीब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
कोरोना महामारी ने देश की सभी चीजों को डिजिटल कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर बच्चों का क्राफ्ट वर्क भी अब मोबाइल के जरिए ऑनलाइन होने लगा है। इसके कारण कितने गरीब बच्चों की पढ़ाई पर लॉकडाउन का असर पड़ा होगा, यह अहम सवाल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मार्च महीने से ही ‘डीजी साथ कार्यक्रम’  के तहत 14 लाख बच्चों को लाभान्वित करने की बात कहते रहे हैं। लेकिन इस बात की जमीनी हकीकत क्या है, इसका कोई सबूत नहीं है। कितने बच्चों के पास मोबाइल है? कितने बच्चे इस ऑनलाइन क्लास से जुड़ पा रहे हैं?