logo

परिणाम आये 4 साल बीत गये लेकिन नहीं मिली नौकरी, जानें! दीपक बिरुआ ने उठाया किस नियुक्ति का मामला

6395news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सोमवार को सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। विपक्षी पार्टियां रोजगार के मसले पर राज्य की हेमंत सरकार के खिलाफ हमलावर है। इस मौके पर विधायक दीपक बिरुआ ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के मंत्री से पूछा कि क्या ये बात सही है कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने मोटरयान निरीक्षक के 18 पदों पर नियुक्तियां निकाली थीं लेकिन, 4 साल बीत जाने के बाद भी सफल अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिली। 

4 साल बाद भी क्यों नहीं हुई नियुक्ति! 
विधायक दीपक बिरुआ ने पूछा कि क्या ये बात सही है कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने मोटरयान निरीक्षक के 18 पदों पर भर्ती के लिये 1 नवंबर 2016 को वेकैंसी निकाली थी। क्या ये सही है कि 3 जनवरी और 8 जनवरी 2017 को इसके लिये लिखित परीक्षा ली गयी थी। क्या ये भी सही है कि परीक्षा का परिणाम 25 मार्च 2017 को आ गया था। दीपक बिरुआ ने पूछा कि यदि उपरोक्त तमाम तथ्य सही हैं तो फिर मंत्रालय बताये कि 4 साल बीत जाने के बाद भी उन सफल अभ्यर्थियों को नौकरी क्यों नहीं मिली।

सीपी सिंह के सवाल पर विपक्ष सहमत!
मंत्रालय ने इसका जवाब देते हुये कहा कि त्रुटि की वजह से नियुक्ति रद्द की गयी। विधानसभा में प्रदेश के तमाम प्रखंड कार्यालय में प्रोगामर और कम्प्यूटर ऑपरेटर के रिक्त पदों का मामला भी सदन में उठा। मामले में बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सवाल पूछा। तमाम विपक्षी विधायक भी इससे सहमत दिखे। 

सदन में बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार से पूछा कि क्या प्रदेश के सभी प्रखंड कार्यालयों में प्रोग्रामर अथवा कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं। बीजेपी विधायक सीपी सिंह के इस सवाल पर विपक्ष के तमाम विधायकों ने सहमति जताई। मामले में सभी अनुबंधकर्मियों के मामले पर सरकार फैसला लेगी।