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इंदिरा गांधी के समय लगाए गए आपातकाल का विरोध 25 जून को भाजपा काला दिवस मनाकर करेगी

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द फॉलोअप टीम, रांची:
इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश ने पहली बार आपातकाल को जीया था। उस इमरजेंसी को कोई  अबतक भूल नहीं सका है। 25 जून 1975 वो काली तारीख है। भाजपा इस 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाएगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि 47 वर्ष पूर्व इंदिरा गांधी ने सत्ता लोलुपता में देश पर आपातकाल थोप दिया था। इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए प्रेस पर सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं को जेल व नागरिक अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की थी। उन्होंने मौलिक अधिकारों को कुन्द कर दिया। 

भाजपा नेता ने सही यातना 
दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन के कारण अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी समेत कई विपक्षी नेताओं को यातनाएं सहनी पड़ीं। भारतीय जनसंघ के सर्वाधिक कार्यकर्ताओं को जेल की सलाखों के भीतर 19 महीने काटना पड़ा। कांग्रेस और कांग्रेस से निकले दल में आज भी आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। देश की अधिकतर पार्टी परिवार तक में सिमट चुकी है। देश की अधिकतर पार्टियों वंशवाद, कुसंस्कृति और असहिष्णुता की परिचायक बन चुकी हैं। 

लोकतंत्र की हत्या
उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल में भी हिंसा स्थिति उत्पन्न कर दी गई है। भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचार हो रहा है। लोकतंत्र की हत्या और इंदिरा के तानाशाही रवैया व आपातकाल के खिलाफ 25 जून को भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में काला दिवस व आपातकाल विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। आपातकाल विरोध दिवस पर प्रदेश कार्यालय में आपातकाल के खिलाफ व लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन में शामिल नेताओं को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश कार्यालय समेत जिला कार्यालय में भी वर्चुअल माध्यम से व कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।