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जज उत्तम आनंद केस: CBI निदेशक की हाजिरी पर अगले सप्ताह फैसला लेगा हाईकोर्ट, जानिए पूरा मामला

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

जज उत्तम आनंद संदिग्ध मौत मामले में बड़ी अपडेट सामने आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने उस फैसले पर पुनर्विचार की बात कही है जिसके तहत 29 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआई द्वारा पेश फाइनल चार्जशीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीबीआई निदेशक को तलब किया था। उनको 29 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था। 

झारखंड हाईकोर्ट में चार्जशीट पर नाराजगी जताई
गौरतलब है कि सीबीआई ने मामले में बीते बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें दोनों आरोपियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा के खिलाफ धारा 302 (हत्या) लगाई गई थी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ. रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सीबीआई ने स्टोरियटाइप चार्जशीट दाखिल किया है। ऐसा लग रहा है कि सीबीआई हाईकोर्ट को अंधेरे में रख रही है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि संस्था किसी सरकारी बाबुओं की तरह व्यवहार कर रही है। इसी आलोक में हाईकोर्ट ने कहा था कि 29 अक्टूबर को सीबीआई के निदेशक सुनवाई में वर्चुअली शामिल हों और पक्ष रखें। 

सीबीआई के वकील ने हाईकोर्ट से किया था अनुरोध
गौरतलब है कि सीबीआई की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि कोर्ट फैसले पर पुनविर्चार करे। मामले को सुनते हुए जस्टिस डॉ. रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण की खंडपीठ ने कहा कि ठीक है अगले सप्ताह देखते हैं कि सीबीआई निदेशक को कोर्ट में बुलाना है या नहीं। फिलहाल सीबीआई को पूरे मामले और रिपोर्ट को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने पहले भी ये कहा था कि हत्या का धारा लगाना काफी नहीं है बल्कि ये भी स्पष्ट करें कि उनको मोटिव के बारे में क्या जानकारी मिली। देखना दिलचस्प होगा कि मामला कहां तक जाता है। 

28 जुलाई को हुई थी जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में दुर्घटना में मौत हो गई थी। उत्तम आनंद को एक ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दिया था जब वो मॉर्निंग वॉक के लिए गये थे। घटना से संबंधित एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था जिसमें देखा जा सकता है कि ऑटो ने जज को जानबूझकर टक्कर मारी। पहले मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी लेकिन बाद में राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की।