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श्रमिकों का शोषण करती है BRO! मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजनाथ सिंह के सामने उठाएंगे मामला

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द फॉलोअप टीम, रांची:

ऐसे कई दुर्गम इलाके है जहां झारखण्ड के प्रवासी मजदूर जाते है। कई परियोजनाओं को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाते है, लेकिन अगर किसी कारण काम के दौरान वह हादसे का शिकार हो जाते हैं तो ना ही उनको किसी प्रकार की सुविधा मिलती है और ना ही उनके आश्रितों को उचित मुआवजा।  इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि रक्षा परियोजनाओं में काम कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूरों के साथ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) शोषण कर रही है। 

राजनाथ सिंह के सामने उठाएंगे मामला
उन्होंने कहा है कि वह इस मामले को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने रखेंगे। बार-बार इस बारे में जानकारी देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी  है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करते हुए मरने वाले मजदूर दुर्गम इलाकों में कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री  ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ बैठक की भी पहल करेंगे, ताकि श्रमिकों के शोषण को रोकने के लिए तंत्र विकसित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं को पूर्ण करने के दरम्यान हताहत हुए प्रवासी श्रमिकों को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है।

18 लोगों के शव मिले थे 
उन्होंने कहा कि चामोली में हुए हिमस्खलन में मजदूरों ने जान गंवाई लेकिन उनके परिवार को बीआरओ ने उचित मुआवजा नहीं दिया। अप्रैल में झारखंड के 18 मजदूरों के शव मिले थे उनके शव को लाने के समय भी झारखण्ड सरकार ने अपने संसाधन का उपयोग किया था। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राज्य के खर्च पर प्रवासी श्रमिकों के शव वापस लाए गए। उनके परिजनों को उचित मुआवजा मिलना बाकी है। बीआरओ का ऐसा व्यवहार पीड़ादायक है। राज्य सरकार ने कई बार बीआरओ पर शर्तों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया है।

रक्षा मंत्री के पास रखेंगे बात 
प्रवासी कामगार अधिनियम उन श्रमिकों की सुरक्षा के लिए बनाया है, जिनकी मांग राज्य के बाहर की जाती है। मजदूरों को किसी भी तरह से सुरक्षा नहीं दी जा रही है ,उनके शहीद होने पर उचित मुआवजा भी नहीं दिया जाता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन तमाम बातों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने रखेंगे। विपरीत परिस्थिति में भी प्रवासी श्रमिक दुर्गम इलाकों में परियोजनाओं को पूरा करने में अपना अहम योगदान देते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना के संक्रमण से बाहर आते ही वह कोशिश करेंगे की बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी उनकी बैठक हो इस मामले पर चर्चा हो।