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कांग्रेस ने मनाया किसान विजय दिवस, दिवंगत किसानों को दी श्रद्धांजलि

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर  के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अन्नदाता किसानों पर जबरन थोपे गए तीनों किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पूरे वर्ष भर से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए लगभग 700 दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजधानी रांची में कांग्रेस भवन से शहीद अल्बर्ट एक्का चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया।  विदित हो कि यह कार्यक्रम अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर ‘किसान विजय दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।

 

 

अपने गलत फैसलों के लिए देश से पीएम ने माफी मांगी
कैंडल मार्च के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि देश की तानाशाह हुकूमत को अन्नदाता किसानों एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार किये गए सत्याग्रह के दबाव में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। आजाद भारत के इतिहास में यह पहला उदाहरण है कि बहुमत के नाम पर पूंजीपतियों का साथ देने वाली मोदी सरकार ने ना सिर्फ इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, बल्कि 56 इंच मजबूत सरकार होने का दंभ भरने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गलत फैसलों के लिए देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने स्वयं कहा कि वे किसानों को अपनी बात समझाने में पूर्णतः विफल रहे हैं जिसका स्पष्ट निहितार्थ है कि अब जनता उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी सहित अन्य ज्वलंत समस्याओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाये जा रहे जन-जागरण अभियान में आम जनता से जो जन समर्थन प्राप्त हो रहा है, वह ऐतिहासिक है और इससे मोदी सरकार भयभीत हैं। ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत के नाम पर जनता के खिलाफ निरंकुश व्यवहार करने की इजाजत कांग्रेस नहीं करने देगी और कांग्रेस पार्टी सकारात्मक एवं मजबूत की विपक्ष की भूमिका निभायेगी।


अन्नदाताओं के सामने झुकी सरकार
कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पिछले पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, सहित अन्य राज्यों में भाजपा को मिली करारी शिकस्त से भाजपा को आसन्न उतर प्रदेश के विधानसभा चुनाव एवं आगामी लोकसभा चुनाव में सफलता मिलने में संदेह हो रही है। यही वजह है अन्नदाता किसानों को उनके आंदोलन के दौरान आंदोलनजीवि, खालिस्तानी, और आतंकी की संज्ञा देने वाले अहंकारी प्रधानमंत्री मोदी को झुकने को मजबूर होना पड़ा।  

 


कैंडल मार्च में ये भी रहे मौजूद
किसान विजय दिवस के उपलक्ष्य पर आज आयोजित कैंडल मार्च में मुख्य रूप से प्रदेश  प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, डॉ राकेश किरण महतो, डॉ एम तौसीफ, सतीश पॉल मुंजनी, संगठन प्रभारी रविन्द्र सिंह, केशव महतो कमलेश, मानस सिन्हा,  अमुल्य नीरज खलखो, शमशेर आलम, सुनील सिंह, गजेन्द्र सिंह, कुमार राजा, शशिभूषण राय, मदन मोहन शर्मा, शकील अख्तर अंसारी, अभिलाष साहू, अमरेन्द्र सिंह, नेली नाथन, अजहर पप्पु, भानू प्रताप बडाईक, विनय सिन्हा दीपू, सुरेन्द्र सिंह, जगदीश साहु, सलीम खान, निरंजन पासवान, रश्मि पिंगुवा, बबलू शुक्ला, उमर खान, राजन वर्मा, परवेज, कमल ठाकुर, अजय सिंह, विशाल सिंह, रिंकू तिवारी, दीपक ओझा, विशाल सिंह, गौतम उपाध्याय, वशिष्ट पासवान, दिनेश सिन्हा, सम्राट, अजय चौधरी, रमेश उरांव, शहीद अहमद, मदन महतो, ऐनुल हक, चंदन बैठा, राजू राम, राजन यादव, निशांत राज, छोटू सिंह,  आलोक तिवारी, गुलाम रब्बानी, रमेश चन्द्रा सहित अन्य शामिल थे।