द फॉलोअप टीम, रांची:
भाजपा नेता राज्य में फिर से विघटन की राजनीति करने और आदिवासी समाज को साफ्ट टारगेट बनाने में जुट गएं है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तीनों प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के पत्थलगड़ी आंदोलनकारियों पर दिए गए बयान पर बोल रहे थे। आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास शासनकाल में जिस तरह से सुदूरवर्ती गांव में रहने वाले करीब 10,000 से अधिक जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कर दिया गया था। गठबंधन की सरकार ने शपथ लेने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में ही आरोप वापस लेने का सराहनीय निर्णय लिया।
बाबूलाल नक्सली के रिश्तेदार को लड़वा चुके हैं चुनाव
लाल किशोर शाहदेव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी के टिकट पर सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से एक नक्सली के करीबी रिश्तेदार को चुनाव लड़ाया था और वे चुनाव जीतकर भी आए। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी उनसे मिलने उनके घर गए थे। सभी लोग जानते हैं कि किस तरह से खूंटी में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए एक पीएलएफआई नक्सली के परिवार का भाजपा से किस तरह से संबंध था।
चुनाव में आदिवासियों ने लिया रघुवर दास से बदला
राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि भाजपा नेता केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के साथ किए जा रहे पक्षपात पूर्ण रवैये से राज्य की जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। इसलिए इस तरह की अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। पत्थलगढ़ी के नाम रघुवर दास सरकार ने जो आतंक मचाया था वो किसी से छुपा हुआ नहीं है। आदिवासी समाज ने अपने पर हुई नृशंस कारवाई का चुनाव में माकूल जवाब भी।