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खेतों में धरना देने की बजाय, खेती-किसानी में किसानों की मदद करें भाजपा नेता : कांग्रेस

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने भाजपा नेताओं को खेत और टांड़ में धरना देने की बजाय मॉनसून के दौरान किसानों को खेती-किसानी में मदद करने की सलाह दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा को यदि किसानों की सचमुच में चिंता है, तो तीन नये काले कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शनरत किसानों के धरना-प्रदर्शन में शामिल होकर अपने केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने का काम करें। आलोक कुमार दूबे ने कहा कि भाजपा नेता पहले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम भारतीय खाद्य निगम के पास झारखंड सरकार के बकाया 180 करोड़ रुपये के अविलंब भुगतान के लिए दबाव बनाये  ताकि किसानों का बकाया दिया जा सके। 

रामेश्वर उरांव ने लोन लेकर किसानों का भुगतान किया 
वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उराँव ने किसानों के बकाया भुगतान हेतू 200 करोड़ रुपये लोन लेकर देने का काम किया है। वहीं एफसीआई ने पलामू, गढ़वा और चतरा में धान खरीद की जिम्मेवारी ली थी, लेकिन इस केंद्रीय लोक उपक्रम के लापरवाह रवैये के कारण इलाके में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और किसानों का धान बर्बाद हो गया। उन्होंने भाजपा नेताओं को यह भी सलाह दी कि खनन रॉयल्टी को लेकर केंद्र सरकार की सार्वजनिक कंपनियों के पास राज्य सरकार के बकाया 65 हजार करोड़ रुपये, पानी का बकाया 9000 करोड़ और जीएसटी क्षतिपूर्ति का बकाया 1516 करोड़ रुपये का तुरंत भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का काम करें जो ये कर नही सकते।किसानों के लिए आन्दोलन कु बात इनके मुँह से शोभा नहीं देती है।

कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत
लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि तीन नये काले कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन के क्रम में सैकड़ों लोगों की जान गयी है, लेकिन केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आंदोलन जारी है। भाजपा नेता पहले आंदोलनरत किसानों के समर्थन में जाकर धरना प्रदर्शन करें। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में घर में दुबके रहने वाले अब संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के बाद एक फिर से राजनीतिक नौटंकी में जुट गये है, लेकिन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जिस तरह से किसानों में व्यापक जनाक्रोश है,उसे देखते हुए भाजपा नेताओं-कार्यकर्त्ताओं को यह सलाह है कि वे पहले की तरह अपने घर के बाहर लॉन या अपने फॉर्म हाउस अथवा बाग बगीचे में बैठकर ही धरना देने की औपचारिकता को पूरी कर लें।