logo

भोपाल के पत्रकार और संस्कृतिकर्मी सचिन श्रीवास्तव को हिरासत में लिए जाने की भाकपा ने की निंदा

15031news.jpg

द फॉलोअप टीम, भोपाल:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था। इस स्टेशन का नाम पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन था, जिसे बदलकर अब रानी कमालपति स्टेशन कर दिया गया है। पीएम की भोपाल यात्रा से पहले युवा पत्रकार लेखक, संस्कृति कर्मी सचिन श्रीवास्तव को लगभग 20 घंटे के लिए पुलिस ने हिरासत लिया था। हिरासत को अवैध कहते हुए इसकी  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भर्त्सना की है। वहीं इस तरह के मामलों में भारत के राष्ट्रपति, राज्यपाल और मानव अधिकार आयोग से भी सीधे हस्तक्षेप करने के मांग की है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्य प्रदेश राज्य परिषद के राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, राज्य सचिव मंडल सदस्य शैलेन्द्र शैली, सत्यम पांडे ने उक्त् जानकारी प्रेस बयान में दी है। जिसमें बताया कि सचिन श्रीवास्तव 14 नवंबर की रात जब सागर से भोपाल लौटे तो पुलिस ने देर रात उनके घर जाकर अवैध रूप से हिरासत में लिया।

भाकपा नेताओं ने बताया कि साथ ही सरकार के आदेश पर भारतीय कम्युनिस्ट नेता के राज्य सचिव मंडल सदस्य और अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय महा सचिव प्रह्लाद दास बैरागी को भी पुलिस तलाशते हुए सागर तक पहुंची और उन्हें एक दिन तक सागर से कहीं भी बाहर जाने से रोका। पुलिस के पास इस कार्रवाई को करने का कोई जवाब नहीं है। संबंधित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी इसे सरकारी आदेश का पालन करने की मजबूरी बता रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार की तरह ही मध्य प्रदेश में भी भाजपा की सरकार अपना फासीवादी एजेंडा कड़ाई से लागू कर रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश सरकार की कड़ी भर्त्सना करते हुए इस तरह की असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक कार्रवाई को रोकने की मांग करती है। भाकपा नेताओं ने बताया कि सचिन श्रीवास्तव एक युवा पत्रकार होने के नाते भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों और फासीवादी प्रवृत्तियों का रचनात्मक स्तर पर प्रतिरोध कर जन शिक्षण करने के अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। वे कभी भी किसी हिंसक, आतंक गतिविधियों में शामिल नहीं हुए।