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मांग : भाकपा माओवादियों ने क्यों किया 27 जनवरी को बिहार-झारखंड बंद का आह्वान-जानिये

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द फॉलोअप टीम, रांचीः
1 करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी प्रमुख प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के बाद से ही नक्सलियों में आक्रोश है।  इसके विरोध में माओवादियों ने 27 जनवरी को बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया है। भाकपा माओवादी के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 21 से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने की भी बात कही है। माओवादियों की मांग है कि प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। दोनों को राजनीतिक बंदी का दर्जा दिया जाए साथ ही उनकी रिहाई हो। बता दें कि प्रशांत बोस की गिरफ्तारी 12 नवंबर को हुई थी।


 

12 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी
झारखंड पुलिस ने प्रशांत बोस, शीला मरांडी, बीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, बाजू, कृष्णा बाहदा और गुरुचरण बोदरा को 12 नवंबर को सरायकेला जिले के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास गिरफ्तार किया था। उनके पास से चार मोबाइल, दो एसएसडी, एक पेन ड्राइव, 1.51 लाख रुपये बरामद किए थे। प्रशांत बोस के पास से बरामद हुए पेन ड्राइव और एसएसडी में नक्सली संगठन के कई दस्तावेज थे जो सरकार के खिलाफ थे।  सांसद सुनील महतो की हत्या समेत 50 से अधिक मामलों में प्रशांत की तलाश पुलिस को थी।


 

कई राज उगले थे
पुलिसिया पूछताछ में बोस एक के बाद एक राज उगले थे।  प्रशांत बोस ने पुलिस के सामने यह बताया था कि संगठन के द्वारा वसूली जाने वाली लेवी का बड़ा हिस्सा कहां से आता था। बोस ने खुलासा किया है कि सरकारी विकास योजनाओं में सबसे ज्यादा लेवी कोयल शंख जोन  से मिलता है। कोयल शंख जोन में सरकारी विकास योजनाओं, बीड़ी पत्ता कारोबार, खनन से सबसे ज्यादा लेवी की वसूली होती है। इसके बाद मध्य जोन और अन्य इलाकों से लेवी का एक बड़ा हिस्सा मिलता है।  बोस ने पुलिस को बताया था कि लेवी की राशि का बंटवार संगठन के द्वारा मिलिट्री कमीशन, रीजनल कमेटी, जोनल कमेटी, एरिया कमेटी के बीच किया जाता है।