logo

सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सुरक्षा चुनौतियों पर होगी चर्चा

14084news.jpg

द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 28 अक्टूबर के बीच दिल्ली में आयोजित होने वाले सेना कमांडरों के दूसरे सम्मेलन को संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि सीमा पर सुरक्षा की स्थिति और वैश्विक कोविड महामारी की वजह से उत्पन्न चुनौतियों को देखकर रक्षा मंत्री का संबोधन काफी अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि इस सम्मेलन राष्ट्र की सुरक्षा का भविष्य का खाका तैयार करने पर चर्चा होगी। 

सुरक्षा चुनौतियों से निपटने का खाता तैयार होगा
सम्मेलन में सीमा पर सुरक्षा और कोविड महामारी से उभरी चुनौती की पृष्ठभूमि में भविष्य का खाका तैयार करने और वर्तमान में सुरक्षा के उभरते पहलुओं पर विचार-मंथन किया जायेगा। गौरतलब है कि ये संबोधन काफी अहम होने वाला है, इस लिहाज से भी कि भारत को पूर्वोत्तर में चीन और पश्चिम में पड़ोसी पाकिस्तान से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि जनवरी 2021 से लेकर अगस्त 2021 तक जम्मू कश्मीर में यथास्थिति बहाल थी। सीजफायर उल्लंघन का कोई मामला सामने नहीं आया था। हालांकि बीते कुछ समय से 2 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है औऱ घुसपैठ की कोशिश भी की गयी है। 

चीन और पाकिस्तान से मिल रही सुरक्षा चुनौतियां
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अरुणांचल प्रदेश का दौरा किया था जिस पर चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन अरुणांचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन का मानना है कि अरुणांचल प्रदेश उसका है जबकि तमाम संधियों के मुताबिक अरुणांचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। गौरतलब है कि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हो गयी थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे। 

जम्मू-कश्मीर में बीते 1 महीने से जारी है हिं'सा-तनाव
हालिया घटनाक्रम को करीब से देखें तो जम्मू-कश्मीर में लगातार हिंसा हो रही है। जम्मू कश्मीर में आतंकी आम लोगों को लगातार निशाना बना रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों और कश्मीरी पंडितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया है। सेना के जवानों को भी आतंकियों ने निशाना बनाया है। ऐसे हालत में रक्षा मंत्री का संबोधन औऱ कमांडरों से मुलाकात काफी अहम होगी।