द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 16 फरवरी को RBI के केंद्रीय बोर्ड के साथ बैठक हो रही है। इसमें बजट 2021 के कई अहम बिंदुओं पर चर्चा चल रही है। निदेशकों को बजट की मूल भावना, मुख्य दिशा व राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने संबंधी योजनाओं को लेकर जानकारी दी जा सकती है। 31 मार्च को मौजूदा वित्त खत्म हो रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण राजकोषीय घाटा GDP के रिकॉर्ड का 9.5 फीसदी तक पहुंच सकता है। वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य GDP के 6.8 फीसदी तक होने का अनुमान लगाया गया है। 31 मार्च 2026 तक राजकोषीय घाटा को घटा कर GDP का 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य वित्त मंत्री ने लगाया है। ऐसा उन्होंने बजट पेश करते वक़्त कहा था।
वर्चुअली आयोजित हो रही है बैठक
कोविड-19 की वजह से पहली बार यह बैठक वर्चुअली हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये की भारी उधारी को सहज तरीके से प्रबंधित करने में सक्षम है। रिजर्व बैंक सरकार के लिए कर्ज के प्रबंधक की तरह है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 4 सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जायेगा। इसमें बैंकऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। निजीकरण की प्रक्रिया को शुरू होने में 5-6 महीने लग जायेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1 फरवरी को संसद में बजट पेश किया था। बजट के अनुसार अनुमान लगाया गया है सरकार को करीब 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेना पड़ सकता है।