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देखिये! कितनी महंगी हो गई 2 जून की रोटी, पेट्रोल-डीजल और आटा-तेल की कीमत छू रही आसमान

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द फॉलोअप टीम, रांची:

डॉ मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार से जनता की नाराजगी की एक वजह बढ़ती मंहगाई भी थी। जब चुनावी बिगुल फुंका गया तो एक नारा बहुत प्रसिद्ध हुआ, बहुत सही मंहगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार। जनता के अपार समर्थन से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। देशवासियों ने दूसरी बार 2019 में भी उनपर विश्वास किया। लेकिन मंहगाई की मार थमी नहीं, बढ़ती गई। 

कोरोनाकाल में चरम पर पहुंची महंगाई
महंगाई तो इस कोरोनाकाल में तो चरम पर ही पहुंच गई मंहगाई। 2020 में  लगभग पूरे साल तक लॉकडाउन रहा था और इस साल भी।  लॉकडाउन होने की वजह से तो आर्थिक गतिविधि तो जैसे थम ही गयी है। अब तो हालत ऐसी हो गयी है कि दो जून की रोटी भी लोगों को नसीब से ही मिल रही।


सरसों तेल की कीमत बन गया बड़ा मुद्दा
दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल संपूर्ण लॉकडाउन के बाद भी पदार्थों की कीमत उतनी नही बढ़ी थी जितनी कि इस साल। इनदिनों सोशल मीडिया पर सरसों तेल मुद्दा बना हुआ है क्योंकि कुछ ही दिनों में सरसों तेल लगभ 200 रुपये लीटर तक पहुंच गया है। इस बेकाबू महंगाई ने तो जैसे लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। दाल की कीमत 30 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। सरसों तेल की कीमत लगभग दोगुनी हो गयी है। दाल की कीमत  भी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ी है। 


पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं
बीते 18 दिनों में पेट्रोल की कीमत 4.17 रुपय बढ़ी है।मंगलवार को दिल्ली  में पेट्रोल 94.49 रुपये प्रति लीटर था और डीजल भी 85.38। वहीं  राजस्थान के श्रीगंगानगर में डीजल  की कीमत में 98. 32 रुपये पहुंच गए है।

जानिए! किस सामान की क्या है कीमत

रिफाइंड तेल पहले: 120 रुपए लीटर        बाद में  200 रुपए लीटर

सरसों तेल          पहले 117 रुपए लीटर        बाद में 185 रुपए लीटर

राहड़ दाल:          पहले 90 रुपए किलो,        बाद में 110 रुपए किलो


चना दाल:            पहले 62 रुपए किलो        बाद में 78 रुपए किलो


मूंग दाल;              पहले 90 रूपये किलो        बाद में 110 रुपए किलो ,

काबुली चना:   पहले 70 रुपए किलो         बाद मे 90 रुपए किलो

बेसन:                  पहले 88 रुपए किलो         बाद में 100 रुपए किलो