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सीबीआइ के पूर्व एसपी 25 लाख के रिश्वत प्रकरण में फंसे, 9 अक्टूबर तक सीबीआई के रिमांड पर रहेंगे

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द फॉलोअप टीम, रांची 
रांची में स्थित उषा मार्टिन कंपनी को जांच में फायदा पहुंचाने के लिए सीबीआइ के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा ने 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। एक दिन पहले दिल्ली में 25 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस मामले में सीबीआइ ने रांची के टाटीसिलवे में भी सिन्हा से जुड़े लोगों के आवास व कार्यालयों पर छापा मारा था। पूर्व एसपी इसी वर्ष अगस्त माह में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके साथ एक अन्य व्यक्ति भी पकड़ा गया है।

दोनों आरोपी 9 अक्टूबर तक सीबीआई रिमांड पर
बता दें कि दोनों आरोपी नौ अक्टूबर तक सीबीआइ की रिमांड पर हैं। सीबीआइ ने यह प्राथमिकी अपने पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा सहित छह आरोपितों के खिलाफ दर्ज किया है। सिन्हा पर आरोप है कि लौह अयस्क खनन से जुड़े एक केस में आरोपित कंपनी को अनुसंधान में मदद पहुंचाने के एवज में सीबीआइ के पूर्व एसपी ने एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के माध्यम से 50 लाख रुपये की पेशकश की थी। प्रथम किश्त में 25 लाख रुपये दिए जाने के दौरान ही पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा गिरफ्तार किए गए। कंपनी के माध्यम से ली गई रिश्वत के 25 लाख रुपये उनके आवास से बरामद किए गए हैं। 

आठ ठिकानों पर हुई थी छापामारी
सीबीआइ ने रिश्वत के साथ गिरफ्तार पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा से प्राप्त जानकारी के आधार पर दिल्ली-रांची सहित देश के आठ ठिकानों पर शनिवार को एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी में सीबीआइ को कई दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनकी जांच चल रही है।

चारा घोटाले मामले में भी जांच से जुड़े रहे
पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा सीबीआइ के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी भी रह चुके हैं। अस्थाना को पिछले माह ही बीएसएफ का डीजी बनाया गया है। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले की जांच के मामले में भी एनएमपी सिन्हा पर्यवेक्षण पदाधिकारी भी रह चुके हैं। चारा घोटाले की जांच सीबीआइ की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।