द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में शराब से होने वाली राजस्व की प्राप्ति में इजाफा के लिए राज्य की हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को परामर्शी नियुक्त किया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस बात की मंजूरी दी गई। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को ये एजेंसी अपना परामर्श देगी, जिसके तहत झारखंड में भी शराब से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सके।
क्या है सीएसएमसीएल
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, छत्तीसगढ़ सरकार की निगम है, जो छत्तीसगढ़ में उपभोक्ताओं के लिए सभी प्रकार की शराब / बीयर की खुदरा बिक्री करता है । सीएसएमसीएल शराब की खरीद करने और शराब की गुणवत्ता के मानकों को सुनिश्चित करने और उन्हें उपभोक्ताओं को जगह देने के लिए पर्याप्त कदम उठाती है।
शराब नीति में हो सकता है बदलाव
राज्य में फिर से शराब नीति में बदलाव संभावित है। नीति में बदलाव छत्तीसगढ़ के मॉडल के आधार पर हो सकता है। इससे पूर्व की रघुवर सरकार जैसी शराब नीति फिर से राज्य में लागू हो सकती है। राज्य में शराब से ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त हो सके, इसके लिए हाल में ही आईएएस प्रशांत सिंह के नेतृत्व में अफसरों की टीम ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति का अध्ययन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। जिसके बाद विभाग की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर मंत्री जगरनाथ महतो के पास भेजा गया था। जिसमें राज्य में शराब से राजस्व बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को परामर्शी के रूप में राज्य में नियुक्त करने की बात थी।
राजस्व घाटा की बात कह कहा फिर से निजी हाथों में दी गई शराब
ढाई साल पहले 1 अगस्त 2017 से 21 मार्च 2019 तक खुदरा उत्पाद दुकानों को झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन के द्वारा चलाने पर राजस्व क्षति के कारण वर्ष 2019-20 में खुदरा बिक्री निजी व्यवसायियों को दे दिया गया था, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई। फिर शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों से लेकर जेएसबीसीएल द्वारा किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में पिछले 5 वर्षों में राजस्व वृद्धि में प्रतिवर्ष 10% से भी कम की वृद्धि हुई, जबकि देसी, विदेशी शराब और बीयर की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई।