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HEALTH सेहत : कई तरह के बुखारों के मौसम में कैसे करें घर बैठे उपचार

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डॉ. अबरार मुल्तानी, भोपाल:

बुखार कभी भी और किसी को भी आ सकता है। जिनका इम्युन सिस्टम अच्छा होता है, उन्हें इंफेक्शन कम होते हैं इसीलिए उन्हें बुखार भी कम आता है और जिनका कमजोर होता है, उन्हें बार-बार आता है। आयुर्वेद में इम्युनिटी को ओज कहा जाता है। बुखार आमतौर पर जाने में तीन से चार दिन का समय लेता ही है। बुखार आते ही कई लोग तुरंत डॉक्टर के पास चले जाते हैं। बुखार हमारे शरीर की रक्षा के लिए आता है क्योंकि शरीर का तापमान बढ़ने से बैक्टेरिया और वायरस की ग्रोथ कम हो जाती है। हमें सदा बुखार के कारण का इलाज करना चाहिए ना कि केवल बुखार कम करने का। लेकिन कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ने पर घातक हो जाता है इसलिए बुखार को नियंत्रित करना भी ज़रूरी है। बुखार आने पर तापमान को 100°F  से कम रखना जरूरी है, लेकिन जरूरी नहीं है कि इसे हम पेरासिटेमॉल से ही नियंत्रित करें वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में सामान्य बुखार को कम करने या दूर करने के कई अच्छे उपाय आयर्वेद के पास है। 

 

आयुर्वेद के पास बुखार कम करने का एक बहुत ही सटीक उपाय 

पिपली चूर्ण 
कुटकी चूर्ण
कंटकारी चूर्ण 
पुष्कर मूल चूर्ण
तुसली के पत्ते चूर्ण 

यह सभी दवाई चूर्ण दो दो चम्मच लेकर मिक्स कर लीजिए। यह सभी चूर्ण बहुत ही आसानी से पंसारी या जड़ी बूटी विक्रेता के यहां मिल जाएंगी। इस पाउडर को एक डिब्बी में रखलें। अब इसे सुबह दोपहर और शाम को आधा आधा चम्मच लेकर शहद मिलाकर खाना होता है। यह उपाय आपको दिन में 3 बार करना है बुखार चले जाने तक। यह पाउडर बना कर छः महीने तक रखा जा सकता है।

अगर आपको यह नुस्खा कठिन लग रहा है तो इसे नुस्खे को भी आजमाया जा सकता है। यह थोड़ा आसान है तथा बाजार में आसानी से मिल जाता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है-

महासुदर्शन काढ़ा 10ML और 
दशमूल काढ़ा 10 ML को मिलाकर
सुबह शाम लेना बुखार चले जाने तक।

 

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आजकल का मौसम कई तरह के बुखारों का मौसम है। डॉक्टरों के यहां मरीज़ों की लंबी लाइन लगी है- सिर्फ बुखार के इलाज के लिए। रोगी बुखार से बहुत डरे हुए भी हैं। रोगी अपने बुखार के टेस्ट की रिपोर्ट आने का इंतजार उस बच्चे से भी ज्यादा डरते हुए करता है जिसकी परीक्षा का परिणाम आने वाला हो। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफॉइड आदि बुखार आजकल आम तौर पर हो रहे हैं। यदि हम थोड़े से गौर से देखें इन बुखारों के प्रमुख लक्षणों को तो आसानी से इन्हें पहचान कर इनका उपचार और परहेज़ करके इनसे आसानी से मुक्त हुआ जा सकता है।

● मलेरिया- बुखार सर्दी या कंपकपी लगकर आता है और एक, दो या तीन दिन के अंतराल से आता है, बुखार तेज़ पसीना लाकर उतरता है।

● डेंगू- तेज बुखार के साथ सिर में तेज दर्द, आंखों में दर्द, बदन दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते बनना (4 से 5 दिनों बाद)।

● टायफॉइड- तेज़ बुखार जो रोज़ाना और तेज़ होता जाता है, भुख की कमी, उल्टी, दस्त, शरीर पर लाल रंग के दाने (कभी कभी नहीं भी आते), जीभ पर वी शेप की सफेद कोटिंग।

● चिकनगुनिया- तेज़ बुखार और जोड़ों में तेज़ दर्द।

● ज़ीका वायरस- बुखार, त्वचा पर रैशेस, आँखें लाल होना ( कंजंक्टिवाइटिस), बदन और जोड़ों में दर्द।

● टीबी- शाम के समय रोज़ाना बुखार आना और लगातार वज़न कम होते चले जाना। फेफड़ों की टीबी में खांसी भी आती है जबकि अन्य अंगों की टीबी में उन अंगों के अनुसार लक्षण उत्पन्न होते हैं।

● वायरल फीवर- सर्दी, खांसी, ज़ुकाम, बुखार, बदन दर्द।

● यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन- सर्दी और कंपकपी लगकर बुखार आना, पैशाब में जलन, पैशाब में दुर्गंध और/या पस, पेट में नीचे की तरफ और कमर में दर्द।

इन बुखारों को थोड़ा समझकर और सावधानी पूर्वक अपने लक्षण डॉक्टर को बता कर आसानी से डायग्नोस करके इलाज करवाया जा सकता है। आप इनके इलाज के साथ अगर निम्न घरेलू उपाय भी कर लें तो यह बुखार जल्दी ही आपको छोड़कर चले जाएंगे।

● हमेशा गर्म पानी ही पिये। गर्म का मतलब पीते समय लगे कि आप गर्म चीज पी रहे हैं। यह एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और अन्तिमइक्रोबियाल गुण रखता है।

● तुलसी के पत्ते, अजमोदा, हल्दी, मुनक्का का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिला कर पिये सुबह-शाम आधा-आधा कप।

● डेंगू में पपीता और अनार के पत्तों का रस निकालकर पिये।

● बुखार में दूध, दही, शुगर, खटाई, अचार, जंक फूड, नॉनवेज, एल्कोहल, मिठाई, तेज़ मिर्चमसाला, तला हुआ भोजन नहीं लेना चाहिए।

● ठंडी चीजे खाना, ठंडे पानी से नहाना, ठंडा पानी पीना और ठंडी जगह जैसे एयर कंडीशनर में रहना नुकसान दायक है।

● पोषक आहार लें, पानी ज्यादा मात्रा में लें, बाहर का खाना अवॉयड करें, आराम करें और पर्याप्त मात्रा में नींद लें, गहरी गहरी सांसें लें। (साभार भास्कर)

 

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(डॉ. अबरार मुल्तानी भोपाल में रहते हैं। आप आयुर्वेद और देशी स्वास्‍थ्‍य -चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ हैं। मनोवैैैैैैज्ञानिक भी हैं। क्‍यों अलग है स्‍त्री-पुरुष का प्रेम, मन के लिए अमृत की बूंदें, मन के रहस्य, 5 पिल्स समेत उनकी दर्जनों किताबें प्रकाशित हैं। आपके वीडियो भी बहुत देखे जाते हैं।)

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। द फॉलोअप का सहमत होना जरूरी नहीं। हम असहमति के साहस और सहमति के विवेक का भी सम्मान करते हैं।