logo

झारखंड विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना, झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल पर मचा है बवाल

1343news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची 
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल के प्रावधान-22 को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बिल के जरिए हेमंत सरकार ने सत्ताधारी ही नहीं, विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है। ऐसी स्थिति में सदन में दोनों ओर से माहौल गरमा सकता है। वैसे यह कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन इस बिल में बदलाव कर सकते हैं। सदन शुक्रवार से मंगलवार तक यानी तीन दिन ही चलेगा। 

सीएम से देर रात मिले कांग्रेसी
इस बीच खबर है कि झारखंड म्यूटेशन बिल की धारा 22 में एक नए प्रावधान जोड़े जाने से सत्तापक्ष के विधायकों ने भी इसपर सवाल खड़ा कर दिया है। सरकार पर उठते सवाल पर सरकार की सहयोगी कांग्रेस के विधायकों ने बिल पर मंथन के बाद सीएम हेमंत सोरेन से देर रात मिलकर उन्हें सारी स्थिति से अवगत करा दिया है। समझा जाता है कि सीएम पर नैतिक दबाव बढ़ा है। संभव है कि सीएम इस बिल में संशोधन के लिए तैयार हो जाएं। दरअसल बिल की धारा 22 अगर लागू हो गया तो,  भूस्वामी जमीन में किसी भी गड़बड़ी के लिए सीओ सहित राजस्व के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में केस दर्ज नहीं करा सकते हैं।

आलमगीर ने बैठक बुलाई
इस बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि विधायक दल की बैठक आज बैठक बुलाई गई है। पहले दिन अनुपूरक बजट रखा जाएगा और शोक प्रस्ताव के साथ समाप्त हो जाएगा। तीन दिन के सत्र में रेखांकित प्रश्न उठाए जाएंगे। विधायक अपने प्रश्नों को रख सकते हैं और सरकार उसका जवाब देगी। 

बिल अभी प्रथम चरण में है: रामेश्वर उरांव
बता दें कि झामुमो नेतृत्ववाली सरकार में शामिल मॉनसून सत्र के पहले कांग्रेस ने प्रस्तावित लैंड म्यूटेशन बिल में कई खामियां होने की बात स्वीकार की है और इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करने की बात कही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह विधेयक अभी प्रथम चरण में है। मंत्रिमंडल से विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर बहुत सारे लोग और जनसंगठन उनसे और कांग्रेस के विधायकों से मिल रहे हैं। इसपर मुख्यमंत्री से बात होगी और जनता के अनुरूप फैसले लिए जाएंगे।