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CM के बयान पर फूटा JPSC अभ्यर्थियों का गुस्सा, कहा- बाहरी-भीतरी का कार्ड खेलना बंद करे हेमंत सरकार

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड लोक सेवा आयोग की पीटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है। मांग है कि जेपीएससी पीटी परीक्षा का परिणाम रद्द किया जाये। जेपीएससी अध्यक्ष को बर्खास्त किया जाये। पूरे मामले की सीबीआई जांच हो। आंदोलन के 49वें दिन झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने राजभवन के सामने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। संगठन के महासचिव देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जेपीएससी आंदोलनकारियों को बाहरी बताया। जेपीएससी को सही ठहराया। 

अपना वादा भूल गई है हेमंत सरकार! 
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जेएसएसयू के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा खातियान धारी आदिवासी-मूलवासी को स्थापित करने और अबुआ दिशोम-अबुआ राज को स्थापित करने का वादा करते सत्ता में आई थी लेकिन इसके विपरित काम कर रही है। झारखंडी आदिवासी-मूलवासी खातियान धारी को बाहरी बताकर गैर-झारखंडियों को झारखंड में स्थापित करने का काम कर रही है। जेपीएससी में गड़बड़ी हुई, ये बात सार्वजनिक रूप से स्पष्ट हो चुकी है। 

जेपीएससी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई! 
देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि बिना कॉपी की जांच किए ही सेटिंग वाले अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। आंदोलन के दवाब में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है। आयोग जांच और सबूत की बात करता है लेकिन इसमें समय जाया ना करते हुए परीक्षा परिणाम को रद्द कर देना चाहिए। मनोज यादव ने कहा कि यदि जेपीएससी सही है तो परिणाम जारी करने के 49 दिन बीतने के बाद भी ओएमआर शीट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। सरकार सही है तो जेपीएससी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। 

आयोग के अध्यक्ष ही बाहरी लोग हैं! 
जेएसएसयू ने कहा कि सरकार जेपीएससी पर कार्रवाई करने की बजाय धर्म, जाति, बाहरी और भीतरी का कार्ड खेल रही है। 2 वर्षों तक स्थानीय नीति नहीं बन सकी। इन्होंने कहा कि आंदोलनकारी अभ्यर्थी अपने झारखंडी होने की पहचान अपना खातियान दिखा रहे हैं। सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों से इसकी जांच करवाये। सरकार ये भी बताये कि जेपीएससी और जेएसएससी के अध्यक्ष, सचिव और सदस्य कहां के निवासी हैं। सभी का झारखंडी खातियान सार्वजनिक किया जाये।