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JPSC ने जवाब के नाम पर की लीपा-पोती! अभ्यर्थियों ने पूछा- क्या केवल पैरवी पुत्रों की होगी नियुक्ति

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में प्रेस वार्ता बुलाई। प्रेस वार्ता में यूनियन ने जेपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करने और उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने पर विरोध जताया। मौके पर झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के देवेन्द्र नाथ महतो और मनोज यादव ने कहा कि आयोग द्वारा जो बात पहले से मौखिक रूप से टाल-मटोल बोला जाता था वही टाल मटोल वाली बात लिखित रूप से दे दी गई है। 

जेपीएससी के जवाब में कोई दम नहीं है! 
अभ्यर्थियों का कहना था कि जेपीएससी का जवाब में कोई दम नहीं है। आयोग जवाब के नाम से जेपीएससी छात्रों के साथ लुका-छिपी खेल रही है। मामले की लीपा-पोती कर रही है। चूंकि जेपीएससी का 17.2 का सिंगल कटऑफ और 15 गुणा रिजल्ट का व्याखा को  झूठा बोल के झारखंड सरकार के गजट नियामवली के विपरीत अलग-अलग केटेगरी के लिए कट ऑफ जारी किया है। बोला जा रहा है कि छात्रों को समझ नहीं आया अगर सिर्फ आयोग को ही समझ आता है तो आयोग का मामला बार-बार कोर्ट में क्यों जाता है? कोर्ट के पास  जेपीएससी का जवाब क्यों नहीं रहता है? 

चीफ जस्टिस तक ले जाएंगे पूरा मामला! 
इस विषय पर अभी तो राज्यपाल के पास तलब किया गया है जरूरत पड़ेगा तो आयोग के अध्यक्ष को चीफ जस्टिस के पास भी तलब होना पड़ेगा। जब झारखंड गजट 2021 में सिंगल कट ऑफ का बात बोला गया है तो 25 कट ऑफ क्यों जारी किया गया। चलिए एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्लयूएस और यूआर का केटेगरी वाइज रिजल्ट में रोल नंबर जारी किया है लेकिन दिव्यांग, स्पोर्ट्स और प्रिमिटिव कोटा का कटऑफ जारी किया है। उक्त केटेगरी के रिजल्ट में किसका-किसका रोल नंबर है ये नहीं बताया गया है। साफ जाहिर हो रहा है कि जेपीएससी छात्रों के साथ लुका-छिपी खेल रहा है।

कम नंबर लाकर भी अभ्यर्थियों को किया पास! 
ऐसे में आंदोलनकारी अगर किसी छात्र का कम नंबर लाकर पास होने का दावा किया जाएगा तो फिर से आयोग द्वारा स्पोर्ट्स कोटा, हेंडिकेफ कोटा, प्रीमिटीब ट्राइब कोटा में रिजल्ट है बोल के टाल-मटोल कर दिया जायेगा। दूसरी तरफ आयोग रिजेक्शन लिस्ट जारी करने का मांग को नहीं माना है। इससे कल के दिन में अगर छात्र दावा करेंगे कि ज्यादा नंबर लाकर फेल कैसे हैं। उसमें भी आयोग रिजल्ट रिजेक्ट लिस्ट में है बोलकर टाल-मटोल कर देगा तो छात्र कहां जांच करने जायेगा।

क्या केवल पैरवी पुत्रों का किया जायेगा चयन! 
मौके पर छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने स्पष्ट रूप से आयोग के जवाब पर पलटवार करते हुए कहा कि आयोग जवाब के माध्यम से बता दिया आयोग सिर्फ सेटिंग गेटिंग करने वाले पैरवी पुत्रों का ही चयन किया जायेगा। विज्ञापन और नियम के आधार पर पढ़ने वाले छात्रों का चयन नहीं किया जायेगा। झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन साफ तौर पर कहा कि आंदोलन निरंतर जारी रहेगा अब आयोग के जवाब के आंदोलन और तेज किया जायेगा, अगर हमारी मांग सातवीं जेपीएससी रद्द नहीं करती है तो आगे मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जायेगा।

देश संविधान से चलेगा ना कि लाठी-डंडों से! 
यह भी कहा कि यह देश संविधान से चलता है। नियम-कानून से चलता है और संविधान के अनुच्छेद 19(1) में प्रावधान मौलिक अधिकार के तहत झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले शांतिपूर्ण तरीके से 23 नवम्बर को न्याय गुहार यात्रा निकाला गया था। शांतिपूर्ण जाने के क्रम में प्रशासन के द्वारा छात्रों के समूह को भड़काया गया। तानाशाही रवैया अपनाते हुए गैर कानूनी तरीके से बेहरमी से छात्र भाइयों और छात्रा बहनों को लाठी, चप्पल - जूता, और हेलमेट से मारा गया, प्रशासन को माफी मांगने के बजाय उल्टा निहत्थे निर्दोष छात्रों पर एफआईआर कर दिया।