द फॉलोअप टीम, रांची
शीर्षक पढ़कर आपको शायद लग रहा होगा कि ये क्या मज़ाक है ? लेकिन ये सत्य है और इस सत्य को 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट के दस्तावेजों की शक्ल में ढालकर JSCA पिछले दो दिनों से मुनादी करा रहा है कि महेंद्र सिंह धौनी 1800 रुपये के कर्ज़दार हैं। वार्षिक रिपोर्ट के 50वें पन्ने पर JSCA के एसेट्स/बकायेदारों/अग्रिम लेनेवालों की सूची चस्पा है और इस सूची के 59वें नंबर पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व वर्तमान में JSCA रणजी टीम के मेंटॉर महेंद्र सिंह धौनी का नाम है। धौनी के नाम के आगे 31 मार्च 2020 तक 1800 रुपये का बकाया दिखाया जा रहा है (देखें तस्वीर)। सबसे कम बकायेदारों की सूची में धौनी दूसरे नंबर पर हैं। स्ट्रोक्स नामक कंपनी पर सबसे कम 859 रुपये का बकाया है। रविवार की AGM में JSCA के सदस्यों ने इस वार्षिक रिपोर्ट व अंकेक्षक रिपोर्ट पर सर्व सम्मति से सहमति जता दी है। महेंद्र सिंह धौनी पर किस मद में 1800 रुपये का बकाया/कर्ज़ है, इस संदर्भ में जब हमने JSCA का पक्ष लेना चाहा तो उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष किसी ने भी फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।
27 सितंबर 2019 को बनाया आजीवन सदस्य, 31 मार्च 2020 को बकायेदार
22 सितंबर को JSCA के हुए चुनाव के दौरान महेंद्र सिंह धौनी को सदस्य न बनाये जाने का मामला गरमाया। इसके बाद नवनिर्वाचित कमिटी ने 27 सितंबर को कमिटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में धौनी को आजीवन सदस्य बनाया लेकिन सूची जारी नहीं की। जब हमने आवाज़ बुलंद की तब 5 अगस्त 2020 को धौनी का नाम जोड़ा गया। अब JSCA धौनी को कर्ज़दार बता रहा है।
धौनी के आजीवन सदस्य बनने के बाद से असुरक्षित महसूस कर रहा चाटूकार ग्रुप
आजीवन सदस्य बनने के बाद से ही महेंद्र सिंह धौनी को येन-केन-प्रकारेण नीचा दिखाए जाने को लेकर JSCA की एक लॉबी एक्टिव है। 27 सितंबर को आजीवन सदस्य बनने के बावजूद 5 अगस्त 2020 को आजीवन सदस्यों की सूची में नाम जोड़ा गया और अब बकायेदारों की सूची में महेंद्र सिंह धौनी का नाम। चाटूकार ग्रुप नहीं चाहता कि महेंद्र सिंह धौनी आजीवन सदस्य की हैसियत से नई जिम्मेवारियां निभाएं, क्योंकि ऐसा हुआ तो वर्षों से हड्डी चाटनेवालों की चड्डी ढीली हो जाएगी। इसीलिए चाटूकार ग्रुप इस तरह का माहौल लगातार बना रहा है कि धौनी स्वयं JSCA से दूर हो जाएं।
धौनी का नेटवर्थ 800 करोड़ रुपये
2019 में 135.93 करोड़ रुपये कमानेवाले महेंद्र सिंह धौनी की कमाई 2018 में 101.77 करोड़ रुपए थी। नेटवर्थ की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 750 से 800 करोड़ रुपए के करीब है।
स्टार क्रिकेटरों को जलील करने के लिए कुख्यात रहा है JSCA
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) अपने स्टार खिलाड़ियों को नीचा दिखाने के लिए कुख्यात रहा है। झारखंड के पहले टेस्ट क्रिकेटर स्वर्गीय रमेश सक्सेना से जुड़ा मामला हो चाहे सबा करीम-प्रदीप खन्ना-आदिल हुसैन-एम वेंकटराम-जीतू पटेल जैसे क्रिकेटरों से जुड़ा, प्रत्येक बार राज्य का मान बढ़ानेवाले क्रिकेटरों का मान मर्दन JSCA ने किया है। आजीवन सदस्य व पूर्व सचिव रहे रमेश सक्सेना को तो श्रद्धांजलि योग्य भी नहीं समझा गया।